एशिया कप में भारतीय टीम चैंपियन तो बनी लेकिन सूर्यकुमार के बल्ले से रन नहीं आए। सात मैच में केवल 72 रन आए, औसत 18। पिछले 14 टी-ट्वेंटी में उनके बल्ले से हाफ सेंचुरी नहीं आई लेकिन इसके लिए कप्तान सूर्यकुमार यादव बिल्कुल चिंतित नहीं हैं। साफ कह रहे हैं कि मैं पर्याप्त मेहनत कर रहा हूं। देश की मिट्टी पर कई अच्छे प्रैक्टिस सेशन हुए हैं। इसलिए मैं अच्छी जगह पर हूं। यही सबसे जरूरी है। रन जरूर आएंगे, लेकिन असल बात यह है कि टीम के लक्ष्य को ध्यान में रखकर काम करते रहना। आपसे टीम क्या चाहती है यह समझना। मैं एक-एक मैच पकड़कर आगे बढ़ना चाहता हूं।
आज ही कैनबरा में भारत-ऑस्ट्रेलिया पांच मैच की टी-ट्वेंटी सीरीज शुरू हो रही है। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 1-3 से सीरीज हारने के बाद अभी समाप्त हुई वन डे सीरीज में भी भारत 1-2 से हारा है। अब टी-ट्वेंटी सीरीज में नई चुनौती है जिसे निश्चित रूप से दोनों टीमें 2026 विश्वकप की तैयारी के रूप में देख रही हैं।
पहली इलेवन तय करने के मामले में टीम इंडिया के पास बहुत विकल्प हैं। सूर्यकुमार का मानना है कि इतने विकल्प होना सिरदर्द के रूप में बहुत अच्छा है। पेसर या स्पिनर पर्याप्त हैं, टॉप ऑर्डर से सात नंबर तक सभी फ्लेक्सिबल हैं कोई भी किसी भी जगह बल्लेबाजी कर सकता है। टीम बनाना कई बार कठिन होता है लेकिन टीम के सभी जानते हैं कि असल लक्ष्य जीत है। सूर्यकुमार याद दिलाते हैं कि किसी भी समय किसी के पास मौका आ सकता है। उदाहरण के रूप में एशिया कप फाइनल में रिंकू सिंह के बल्ले से आई विनिंग रन का जिक्र करते हुए कहते हैं कि पूरे टूर्नामेंट में बाहर था रिंकू लेकिन फाइनल में जब मौका आया तो 3-4 रन बाकी थे। विनिंग स्ट्रोक मारकर रिंकू ने टीम को जिताया।
वन डे सीरीज में नहीं रहने के बावजूद इस सीरीज में जसप्रीत बुमराह टीम में वापस आए हैं। आराम मिलने के बाद तरोताजा हैं। सूर्यकुमार कह रहे हैं कि एशिया कप के समय अतिरिक्त जिम्मेदारी लेकर पावर प्ले में बुमराह ने गेंदबाजी की थी। यहां भी पावर प्ले में उसे खेलना ऑसीज के लिए आसान नहीं होगा। वह जानता है कि इस तरह की सीरीज में कैसे तैयार होना होता है। इस देश में वह कई बार आया है उसे बहुत अनुभव है। सभी उससे जानना चाहते हैं। टीम में बुमराह की उपस्थिति निश्चित रूप से एक बड़ी बात है। सूर्यकुमार स्वीकार कर रहे हैं कि टीम की फील्डिंग और बेहतर करने का मौका है। साथ ही बता रहे हैं कि भारत हाल ही में जिस तरह आक्रामक क्रिकेट खेला है तो उसी तरह ही खेलेगा।
टी-ट्वेंटी में भारत अब दुनिया की नंबर एक टीम है। दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया है। इसलिए अगले साल के विश्वकप से पहले यह लड़ाई बहुत महत्वपूर्ण है। पिछले 15 टी-ट्वेंटी में भारत केवल दो मैच हारा है। इसीलिए ऑसी कोच एंड्रू मैकडोनाल्ड कह रहे हैं कि भारत दुनिया की नंबर एक टीम है। विश्वकप से पहले यह सीरीज हमारी बड़ी परीक्षा है।