एई समय, देगंगा : रात के अंधेरे में आर्सेनिक मुक्त पेयजल के ट्रीटमेंट प्लांट में तोड़फोड़ की गई। इस वजह से न सिर्फ ग्रामीण बल्कि स्थानीय आंगनवाड़ी केंद्र के छात्र-छात्राओं तक पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं। पेयजल के उक्त ट्रीटमेंट प्लांट के पास कुछ पेड़ों की शाखाएं भी काट दी गई हैं। रात के अंधेरे में हुई इस तोड़फोड़ से स्थानीय लोगों में डर का माहौल व्याप्त है।
उत्तर 24 परगना जिले में आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र के रूप में देगंगा ब्लॉक भी शामिल है। आर्सेनिक के प्रभाव से गांव के लोगों को बचाने के लिए लगभग सात-आठ महीने पहले चौरासी पंचायत से कर्मकारपाड़ा में आर्सेनिक मुक्त पेयजल का एक ट्रीटमेंट प्लांट बनाया गया था। इसके लिए लगभग 2 लाख 76 हजार रुपये खर्च किए गए थे। इस ट्रीटमेंट प्लांट से ही क्षेत्र के लोग पीने का पानी प्राप्त करते थे। उस प्लांट के आर्सेनिक मुक्त पेयजल से आईसीडीएस (ICDS) सेंटर में खाना बनता है। छात्र भी वही पानी पीते हैं।
स्थानीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीच में कुछ दिनों तक प्लांट से गंदा पानी निकल रहा था। ग्रामीणों ने इस बारे में चौरासी पंचायत के प्रधान को सूचित किया था। शिकायत मिलने के बाद पंचायत की ओर से उस प्लांट के फिल्टर सहित अन्य उपकरणों को साफ करवा दिया गया था। इसी बीच गुरुवार की रात को एक बजे के आसपास उस ट्रीटमेंट प्लांट में तोड़फोड़ का आरोप लगा है। आरोप है कि प्लांट के फिल्टर समेत अन्य विभिन्न उपकरणों को तोड़ दिया गया है।
बताया जाता है कि रात को प्लांट से आ रही आवाजों को सुनकर जैसे ही एक स्थानीय निवासी ने लाइट जलाई वैसे ही बदमाश भाग गए। तोड़फोड़ की जगह पर एक हाथ घड़ी बरामद की गयी है। स्थानीय लोगों का दावा है कि वह घड़ी बदमाशों में से ही किसी की है।
शुक्रवार की सुबह ग्रामीणों को तोड़फोड़ की घटना का पता चला। घटना की जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर पंचायत के प्रधान बाप्पा मंडल और उपप्रधान लियाकत अली सागर पहुंचे। क्षतिग्रस्त प्लांट से गांव के निवासी पानी नहीं ले पा रहे हैं। प्लांट के टूट जाने की वजह से स्थानीय एक आंगनवाड़ी केंद्र के छात्र और सहायिका भी समस्या में पड़ गए हैं।
स्थानीय निवासी गीता कर्मकार का कहना है कि देर रात को तोड़फोड़ की आवाज सुनी थी। लेकिन साहस करके बाहर नहीं आ पाई थी। एक अन्य निवासी सुबोध राय का कहना है कि उस प्लांट को लेकर किसी को कोई समस्या थी तो इस बारे में पंचायत को बताना जरूरी था। लेकिन ऐसा न करके इस तरह तोड़फोड़ करना उचित नहीं था। पंचायत प्रधान बाप्पा मंडल ने कहा कि जनहित में बनाए गए उस ट्रीटमेंट प्लांट में तोड़फोड़ करना सही नहीं था। हमने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। देगंगा थाने की पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।