बारासात में 'ऑपरेशन सिंदूर', उमड़ रहा है सैलाब

उत्तर 24 परगना जिले के बारासात की कुछ पंडालों के थीम को प्रस्तुत किया गया है। जिनमें ऑपरेशन सिंदूर और केदारनाथ का मंदिर बना आर्कषण। बारासात के पूजा पंडालों पर डालें एक नजर

By देवदीप चक्रवर्ती, Posted by: Shweta Singh, Posted by: लखन भारती

Sep 30, 2025 16:05 IST

महाषष्ठी की शाम से ही कोलकाता के विभिन्न पंडालों में लोगों का सैलाब। श्रीभूमि, संतोष मित्र स्क्वायर से सुरुचि, एकडालिया तक। हर पंडाल में लंबी लाइनें। हालांकि, कोलकाता के पूजा से कहीं कम नहीं हैं जिलों के पूजा पंडाल। महापंचमी के दिन से ही बारासात की पंडालों में भीड़ बढ़ रही है। कौन से पंडालों में भीड़ उमड़ रही है? आइये जानें-


बारासात सब्ज़ संघ

कोलकाता में जिन पर्वों को लेकर सबसे अधिक उत्साह होता है, उनमें से एक संतोष मित्र स्क्वायर का पांरपरिक पर्व है। क्योंकि थीम है 'ऑपरेशन सिंदूर'। आप बारासात में भी इस थीम को देख सकते हैं। बारासात सब्ज़ संघ के पर्व में 'ऑपरेशन सिंदूर' थीम अपनाई गई है। इस थीम को फर्स्ट गेम में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने और सेना की सफलता का जश्न मनाने के लिए बनाया गया है। इस पूजा पंडाल में जनसैलाब उमड़ रहा है।

बारासात 8 ल्ली

बारासात 8 पल्ली 51वीं वर्ष की पूजा। पूजा का थीम दक्षिण भारत के 'रामेश्वरम मंदिर' है। मंडप में विभिन्न देवताओं की तस्वीरों सहित परंपरागत मूर्तियाँ देखी जा सकती हैं। इस मंडप में भीड़ आकर्षित हो रही है।


बरासत निवेदिता पल्ली उदय संघ- -

बारासात निवेदिता पल्ली उदय संघ की पूजा का इस बार थीम 'केदारनाथ धाम' है। 38 साल की पूजा। हर साल इस पूजा के मंडप सजावट दर्शकों का ध्यान आकर्षित करती है। मंडप के साथ अद्भुत प्रकाश सजावट भी है।

बारासात कल्याण कृत संघ--

इस बार बारासात कल्याण कृत संघ की पूजा 66वें वर्ष में है। पंचमी की रात से ही इस मंडप में भीड़ देखने लायक रहती है। इस बार उनका थीम 'पर्यावरण अनुकूल काल्पनिक मंदिर' है। बंगाल के हस्तशिल्प का विभिन्न संग्रह इस मंडप में दिखाई पड़ रहे हैं।


बारासात 4 पल्ली

बारासात की यह पूजा सभी दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रही है। इस साल उनका थीम 'वीर गाथा' है। स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न कहानियाँ मंडप में स्थान पा चुकी हैं। इस मंडप की भीड़ बारासात की अन्य पूजा पंडालों को भी टक्कर दे सकती है। बारासात की प्राचीनतम पूजा पंडालों में से इस पूजा को परंपरा और वातावरण के हिसाब से आपकी सामने प्रस्तुत किया गया है।

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