नयी दिल्लीः बिहार में हार के बाद इस मुद्दे पर जनसमर्थन जुटाने के लिए कांग्रेस द्वारा रामलीला मैदान में आयोजित ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ महारैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह महात्मा गांधी द्वारा दिखाए गए सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर “नरेंद्र मोदी–आरएसएस सरकार” को सत्ता से हटाएंगे। उन्होंने कहा, “यह लड़ाई ‘सत्य’ और ‘असत्य’ के बीच है। हम सत्य के साथ खड़े रहेंगे और नरेंद्र मोदी, अमित शाह तथा आरएसएस की सरकार को देश से हटाएंगे। उनके पास ‘सत्ता’ है और वे ‘वोट चोरी’ में लगे हुए हैं।”
अपने भाषण में राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू व विवेक जोशी का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि वे भाजपा के लिए काम कर रहे हैं और असत्य के साथ खड़े हैं। राहुल गांधी ने x पर लिखा कि अगर वे वोट चोरी में शामिल न होते, तो आप उन्हें पांच मिनट में सत्ता से हटा देते। जैसे सत्य आपके डीएनए में है, वैसे ही असत्य और वोट चोरी उनके डीएनए में है। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चुनाव आयोग को “सुरक्षा” देने के लिए नया कानून लाया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा नेतृत्व ‘गद्दार’ है क्योंकि वह ‘वोट चोरी’ में शामिल है और संविधान व देश को बचाने के लिए उन्हें सत्ता से हटाया जाना चाहिए। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी भाजपा को चुनौती दी कि वह पेपर बैलेट से निष्पक्ष चुनाव जीतकर दिखाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयुक्तों को देश को यह जवाब देना होगा कि उन्होंने कैसे लोगों के मतदान अधिकार छीनने की साजिश रची और चुनाव प्रक्रिया के हर कदम को संदेहास्पद बना दिया।
‘वोट चोरी’ के खिलाफ कांग्रेस की इस महा रैली में देशभर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता पहुंचे। रैली स्थल पर ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ के नारे गूंजते रहे। पार्टी का दावा है कि उसने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ करीब छह करोड़ हस्ताक्षर जुटाए हैं और इन्हें राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा। रैली में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री—सिद्धारमैया, रेवंत रेड्डी और सुखविंदर सिंह सुक्खू—भी मौजूद रहे।