ट्रेन में महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए RPF की टीम ‘ऑपरेशन रक्षित’

फिलहाल केरल के चार रेलवे डिविज़नों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है।

By अयन्तिका साहा, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Nov 10, 2025 08:52 IST

नयी दिल्लीः रेलवे ने कुछ साल पहले लंबी दूरी की ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘सहेली’ नामक एक ऐप लॉन्च किया था। अब स्थानीय, पैसेंजर और लंबी दूरी की सभी ट्रेनों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए भारतीय रेल ने ‘ऑपरेशन रक्षित’ शुरू किया है।

फिलहाल, यह व्यवस्था केरल के चार रेलवे डिविज़नों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू की गई है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, आने वाले समय में देश के सभी रेलवे ज़ोन में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। केरल में हाल ही में हुई एक घटना के बाद रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए, जिसके बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए इस तरह की योजना बनाई गई। उस घटना में एक नशे में धुत व्यक्ति ने चलती ट्रेन से एक महिला यात्री को लात मारकर बाहर फेंक दिया था। इस घटना ने ट्रेनों और स्टेशनों पर महिलाओं की सुरक्षा की कमी को फिर उजागर कर दिया। इसके बाद, केरल के रेलवे डिविज़नों के अधिकारियों ने विशेष कदम उठाने की योजना बनाई, ‘ऑपरेशन रक्षित’ उसी का परिणाम है।

रेलवे की ओर से बताया गया है कि इस परियोजना के तहत महिला रेलवे सुरक्षा कर्मियों की विशेष टीम बनाई गई है, जो सभी प्रकार की यात्री ट्रेनों में महिला डिब्बों और अन्य डिब्बों में लगातार गश्त करेंगी। इसके अलावा वे विभिन्न स्टेशनों और स्टेशन से सटे रेलवे परिसरों में भी महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। निर्देश दिया गया है कि यदि किसी को महिला यात्रियों से छेड़छाड़ करते हुए देखा जाता है तो उस पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही टीम को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि वे इस बात पर नजर रखें कि कोई यात्री नशे में या असामान्य अवस्था में ट्रेन या स्टेशन पर मौजूद तो नहीं है। यदि ऐसा कोई यात्री पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाया जाएगा।

रेलवे ने बताया है कि 38 स्टेशनों पर महिला रेलवे सुरक्षा कर्मी पहले ही ब्रीथलाइज़र उपकरणों के साथ गश्त शुरू कर चुकी हैं। उनकी मदद रेल पुलिस और विभिन्न राज्यों की पुलिस के अधिकारी व स्निफर डॉग टीमें भी कर रही हैं। रेलवे का कहना है कि जब ‘सहेली’ ऐप लॉन्च किया गया था तब लंबी दूरी की ट्रेनों में अकेले सफर करने वाली महिला यात्रियों से महिला सुरक्षा कर्मी सीधे बातचीत करती थीं और उन्हें अपने फोन नंबर देती थीं ताकि किसी भी समस्या की स्थिति में वे सीधे RPF से संपर्क कर सकें।

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