पश्चिम बंगाल समेत देश के कुल 12 राज्यों में BLO लगातार SIR का फॉर्म वितरित कर रहे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर ऐसे कई पोस्ट आपने भी जरूर देखे होंगे जिसमें यूजर अपना SIR फॉर्म अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से पोस्ट कर रहा है। इस बारे में सोशल मीडिया विशेषज्ञों ने यूजर्स को चेताया है और उनसे ऐसा न करने की हिदायत दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे निजता भंग होने की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
क्या है साइबर विशेषज्ञ की चेतावनी?
साइबर विशेषज्ञ और वकील बिभास चटर्जी SIR फॉर्म को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सार्वजनिक करने की आदत को पहचान की चोरी या मतदाता पहचान पत्र के अनधिकृत उपयोग के खतरे को बढ़ावा देना कह रहे हैं। विभास चटर्जी ने खास बातचीत के दौरान बताया, 'SIR के फॉर्म पर मतदाता का नाम, पता, EPIC नंबर होने के साथ-साथ चुनाव आयोग द्वारा दी गयी कई महत्वपूर्ण और व्यक्तिगत जानकारियां पहले से छपी रहती हैं।' उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि एक बार सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया गया कोई भी फोटो या पीडीएफ सार्वजनिक हो जाता है। इससे निजी जानकारियों के गलत इस्तेमाल का खतरा भी बढ़ जाता है।
पश्चिम बंगाल समेत अन्य राज्यों के SIR फॉर्म में पहले से ही कई जानकारियां भरी हुई रह रही हैं।
सुरक्षित तरीके से कैसे करें शेयर?
अगर किसी भी कारणवश सोशल मीडिया पर अपने SIR फॉर्म का फोटो या पीडीएफ शेयर करना ही चाहते हैं, तो नीचे बताए गए तरीकों का पालन जरूर करें -
1. पोस्ट करने से पहले अपना EPIC नंबर, पूरा पता या QR कोड जैसी संवेदनशील जानकारियां छिपा दें या उसे धुंधला कर दें।
2. फॉर्म को सोशल मीडिया पर अपलोड करते समय सभी फील्ड न दिखाएं। सोशल मीडिया पर शेयर करने के लिए बस एक टिक बॉक्स ही काफी होता है।
3. अपने लिए एक मुहर लगी या एक्नॉलेजमेंट की डिजिटल प्रति जरूर रखें। लेकिन उसे निजी ही रखें, जब तक बहुत जरूरी न हो उसे सार्वजनिक न करें।
SIR का फॉर्म भरते या जमा करते समय, या अपने अथवा अपने परिवार के सदस्यों से जुड़ी किसी भी जानकारी को सत्यापित करते समय हमेशा इस बात की पुष्टि जरूर करें कि आप आधिकारिक “.gov.in” पोर्टल या चुनाव आयोग के आधिकारिक मोबाइल ऐप का उपयोग कर रहे हैं। ऐसा करने से आप अपने मताधिकार की रक्षा करने के साथ ही साथ अपने पंजीकरण विवरण को सार्वजनिक होने से भी बचा सकते हैं।
हालांकि आप भी SIR की प्रक्रिया में अपनी भागीदारी के बारे में सार्वजनिक तौर पर सबको बताने के उत्सुक जरूर हैं। लेकिन जिस तरह से मताधिकार का उपयोग करते समय आप अच्छी तरह से सोच-समझकर ही कोई फैसला लेते हैं, ठीक उसी तरह से इस बारे में भी सोच-समझकर ही सार्वजनिक तौर पर जानकारी साझा करना ही अच्छा होगा। आपके बैंक पासबुक या आधार की जानकारी की तरह ही आपका मतदाता पहचान पत्र और विवरण भी बेहद महत्वपूर्ण और गोपनीय जानकारी है।