नयी दिल्लीः टैरिफ के दबाव में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन किया था। इतना ही नहीं, उन्होंने यूक्रेन के साथ युद्ध के बारे में वे क्या सोच रहे हैं, उसकी विस्तृत जानकारी भी मांगी थी। गुरुवार को नाटो के महासचिव मार्क रुट्टे ने यह दावा किया है। हालांकि मास्को या नई दिल्ली ने अभी तक आधिकारिक रूप से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रूस से तेल खरीद पर 25 प्रतिशत की दर से दो बार में कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। अमेरिका का दावा है कि रूस भारत के दिए पैसे से यूक्रेन के साथ युद्ध जारी रख रहा है। ट्रम्प ने नाटो देशों को भी भारत और चीन पर टैरिफ लगाने का आह्वान किया है।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा के सत्र के दौरान CNN को दिए साक्षात्कार में रुट्टे ने कहा, 'टैरिफ के कारण भारत दबाव में आ गया है। रूस पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। नई दिल्ली से पुतिन को फोन गया है। नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के बारे में अपने विचार स्पष्ट करने को कहा है।'
ट्रम्प रूस पर 'बड़े पैमाने पर प्रतिबंध' लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बता दिया है कि जब नाटो के सभी देश रूस से तेल खरीदना बंद कर देंगे, तभी वे बड़ा कदम उठाएंगे। लेकिन अभी भी कुछ देशों द्वारा रूस से तेल खरीदने से वे असंतुष्ट हैं।
टैरिफ को लेकर भारत-अमेरिका के संबंधों में तनाव चल रहा है, लेकिन द्विपक्षीय संबंध अभी भी मजबूत हैं। तनाव कम करने के लिए दोनों देश बातचीत कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के सत्र में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश सचिव मार्को रुबियो के साथ बैठक की है। वहां उनके बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर विस्तार से चर्चा हुई।
अमेरिका के राष्ट्रपति मोदी के साथ बहुत जल्द ही बैठक करने वाले हैं। ट्रम्प प्रशासन के एक शीर्ष अधिकारी ने यह संकेत दिया है। इतना ही नहीं ट्रम्प ने मोदी को फोन करके जन्मदिन की शुभकामनाएं भी दी हैं। उन्होंने दोनों देशों को 'करीबी दोस्त और सच्चे साझेदार' भी कहा था।