चंडीगढ़ः मिग 21 ने अपना कार्यकाल पूरा करके सेवानिवृत्ति ले ली। तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा निर्मित यह लड़ाकू विमान वायु सेना में किंवदंती बन गया है। कारगिल, बालाकोट से लेकर 'ऑपरेशन सिंदूर' तक इसने वीरता से लड़ाई लड़ी है। उसी मिग 21 की सेवानिवृत्ति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों की याद दिलाई।
भारत रूस का साथ नहीं छोड़ेगाः राजनयिक विश्लेषकों के अनुसार, नई दिल्ली ने अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया है कि चाहे कितना भी दबाव आए, भारत रूस का साथ नहीं छोड़ेगा। रूस से तेल खरीद पर अमेरिका ने दो बार भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। लेकिन इसके बावजूद भारत ने तेल खरीदना बंद नहीं किया है। युद्ध सामग्री भी पूरी तरह से खरीद रहा है। जानकार सूत्रों का एक वर्ग मान रहा है कि मिग 21 की सेवानिवृत्ति पर दोनों देशों के संबंधों का जिक्र करके वास्तव में राजनाथ अमेरिका को ही संदेश देना चाह रहे थे।
मिग के साथ हमारी भावनाएं जुड़ी हैं-राजनाथः शुक्रवार को चंडीगढ़ वायु सेना स्टेशन में मिग की सेवानिवृत्ति समारोह था। वहां राजनाथ ने कहा, 'मिग 21 के साथ हमारी गहरी भावनाएं जुड़ी हुई हैं। यह कई वीरता गाथाओं का साक्षी रहा है।' इतना ही नहीं, उन्होंने इस लड़ाकू विमान को भारत की रक्षा की ढाल कहा। इसके बाद राजनाथ ने कहा, 'यह सिर्फ एक लड़ाकू विमान नहीं है, बल्कि भारत-रूस संबंधों का प्रतीक भी है।'
दुर्घटनाओं के कारण 'उड़ता ताबूत' कहा जाता था मिगः यह गौरतलब है कि दुर्घटनाओं को चलते मिग 21 को कई लोग 'उड़ता ताबूत' भी कहते थे। इसे सेवानिवृत्त करने की बात पहले ही उठी थी। केवल तेजस की आपूर्ति में देरी के कारण ही इसकी सेवा अवधि बढ़ाई गई थी।
इस लड़ाकू विमान ने 65 साल लगातार काम कियाः 1960 के दशक में मिग 21 वायु सेना में शामिल हुआ था। इस तरह से यह लड़ाकू विमान लगभग 65 साल तक लगातार काम करता रहा। राजनाथ सिंह ने कहा, '1960 और 70 के दशक में मिग के साथ जो लड़ाकू विमान सेना में आए थे, वे बहुत पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। मिग काम करता रहा। हालांकि 65 साल तक लगातार काम करना बहुत सामान्य है। कई देशों में ऐसा देखा जाता है।'
समारोह का आकर्षणः समारोह में चंडीगढ़ के आसमान में मिग 21, जगुआर और सूर्यकिरण एरोबेटिक्स टीम ने करतब दिखाए। 8 हजार फुट की ऊंचाई से कूदकर आकाशगंगा नाम की वायु सेना की स्काईडाइविंग टीम ने प्रदर्शन किया। बादल और पैंथर फॉर्मेशन में वायु सेना के विमानों ने फ्लाईपास्ट दिखाया। समारोह में पूर्व एयर चीफ एसपी त्यागी, बीएस धनोआ और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी उपस्थित थे। शुभांशु ने भी मिग 21 पर ही विमान उड़ाना सीखा था।