नई दिल्लीः यौन उत्पीड़न के आरोप में एक और बाबाजी फंस गये हैं। दिल्ली के बसंत कुंज के प्रसिद्ध आश्रम 'श्री शृंगेरी मठ' के प्रमुख और 'श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट' के निदेशक स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर 15 से अधिक युवतियों ने यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेल और धमकी देने का आरोप लगाया है। तब से बाबाजी का कोई अता-पता नहीं है।
उन्हें गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड और बिहार में जगह-जगह तलाशी अभियान चला रही है। बाबाजी के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में भी जांच चल रही है। विदेश भाग जाने से रोकने के लिए चैतन्यानंद के नाम पर एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है।
जांचकर्ताओं का दावा है कि शारदा इंस्टीट्यूट में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के छात्रों को विशेष छात्रवृत्ति दी जाती है। इस छात्रवृत्ति लेकर जो युवतियां वहां पढ़ने आती थीं, उन्हें चैतन्यानंद निशाना बनाता था। ब्लैकमेल करके या लालच देकर उनका यौन उत्पीड़न करता था।
उन लड़कियों को देर रात अपने कमरे में बुलाता था। कभी उनके नंबर कम करने या फेल करने की धमकी देता था और किसी-किसी को विदेश यात्रा का वादा करके लुभाता था। पीड़िताओं ने बताया कि वह व्हाट्सएप पर अश्लील संदेश भी भेजता था। कुल मिलाकर उस संस्थान में एक डर का माहौल बन गया था। पुलिस का दावा है कि पिछले 16 वर्षों में कई दर्जन महिलाएं बाबाजी की हवस का शिकार हुई हैं।
पुलिस ने यह भी बताया है कि इस अपराध में बाबाजी की तीन महिला सहयोगी थीं। वे प्रबंधन संस्थान के छात्रावास की वार्डन और कर्मचारी के रूप में काम करती थीं। इन तीन महिलाओं ने ही बाबाजी को उसके सभी अपराधों को छिपाने में मदद की। वे छात्राओं को डराती थीं। बाबाजी उनके फोन पर जो अश्लील संदेश भेजता था, वे उन संदेशों को मिटा देती थीं। यहां तक कि सीसीटीवी फुटेज भी मिटा देती थीं।
फोरेंसिक जांच के लिए उन संदेशों और सीसीटीवी फुटेज को भेजा गया है। पुलिस ने बाबाजी की एक गाड़ी भी जब्त की है। यह भी पता चला है कि कई जाली राजनयिक नंबर प्लेट का इस्तेमाल करके गाड़ी चलाई जाती थी।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि 2009 और 2016 में भी 'स्वामी चैतन्यानंद' के खिलाफ दो यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए थे। लेकिन वह उनसे बच निकला था। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद वह और भी बेलगाम हो गया था।
इस बीच बाबाजी की हवस का शिकार हुई 32 छात्राओं के बयान दर्ज किए गए हैं। इनमें से 17 ने अश्लील भाषा के संदेश भेजने, जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने और लगातार धमकी देने का आरोप लगाया है। ये आरोप दर्ज करने के समय चैतन्यानंद लंदन में था लेकिन अब वह देश में ही है।
उसके मोबाइल फोन का आखिरी स्थान आगरा में पाया गया है। पुलिस ने बताया है कि जांच शुरू होने के बाद से वह एक जगह पर ज्यादा दिन नहीं रुक रहा है। लगातार स्थान बदल रहा है और पकड़े जाने के डर से मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल नहीं कर रहा है। चैतन्यानंद ने दिल्ली हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था लेकिन पुलिस के कड़े विरोध के कारण उसने उसे वापस ले लिया है।
इस घोटाले के सार्वजनिक हो जाने के बाद श्री शृंगेरी मठ प्रशासन ने अपने निदेशक पद से चैतन्यानंद को हटा दिया है। मठ ने बताया है कि उसका आचरण 'अवैध और अनुपयुक्त' था।