नयी दिल्लीः सोनम वांगचुक को गिरफ्तारी के बाद लेह से राजस्थान लाया गया है। सोनम वांगचुक को लद्दाख की किसी जेल में रखने का 'जोखिम' केंद्र सरकार ने नहीं लिया। सीधे जोधपुर की केंद्रीय कारागार में ले आए। यहां जेल के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ। एक स्थानीय समाजसेवी ने अनशन की धमकी दी।
जेल के सामने प्रदर्शनः शनिवार सुबह जेल के सामने तनाव फैल गया। सुबह साढ़े 10 बजे के करीब जेल के सामने समाजसेवी विजय पाल पहुंचे। 'भारत माता की जय' का नारा लगाना शुरू कर दिया। पुलिस उन्हें हटाने गई तो विजय ने अनशन की धमकी दी। बाद में विजय को रातानाडा थाने ले जाया गया। पूछताछ की गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इससे पहले शराब की दुकान खोलने के विरोध में भी एक बार विजय ने विरोध प्रदर्शन किया था।
क्या है जेल की विशेषता?: जोधपुर जेल ब्रिटिश काल में बनी। त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से घिरी। 24 घंटे निगरानी के लिए सीसीटीवी है। इसी जेल की एक सेल में सोनम को रखा गया है। वे अकेले हैं।
कई सेलिब्रिटीज इस जेल में रहे हैंः कई सेलिब्रिटीज को जोधपुर की इस जेल में रखा गया है। कृष्णसार हिरण मामले में आरोपी सलमान खान थे। बलात्कार के अभियुक्त आशाराम बापू को भी रखा गया था। फिर यहां इंडियन मुजाहिदीन के जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन भी कैद थे।
युद्ध का गवाह रहा है जेलः युद्ध का गवाह भी रहा है जोधपुर जेल। 1965 के युद्ध के समय जेल पर पाकिस्तानी सेना ने हमला किया था। 30 से अधिक कैदियों की मृत्यु हुई थी। वर्तमान में इस जेल में 1400 कैदी हैं।
सोनम वांगचुक को यहां क्यों रखा गया?:सोनम वांगचुक को क्यों इस जेल में रखा गया? इस बारे में आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी केंद्र सरकार ने नहीं की है। लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा ही एकमात्र कारण है। सोनम को लद्दाख में रखने से फिर से पूरा क्षेत्र अशांत हो सकता है, ऐसी आशंका थी। केंद्र सरकार इसलिए शुरुआत में ही उस संभावना को खत्म करना चाहती थी। सोनम को जोधपुर भी विशेष विमान से ले जाया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच। यहां तक कि पुलिस कमिश्नर भी मौजूद थे।
सोनम पर क्या है आरोप? केंद्र सरकार ने सोनम पर भड़काने का आरोप लगाया है। लेह में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन से हिंसा फैल गई। सरकारी संपत्ति तोड़फोड़ हुई। पुलिस की गाड़ी जला दी गई। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू किया। 4 लोगों की मौत हुई। करीब 70 लोग घायल हुए।
सोनम के एनजीओ का विदेश से फंडिंग लेने वाला लाइसेंस रद्दः इसके बाद ही सोनम के स्वयंसेवी संगठन (एनजीओ) SECMOL (Students Educational and Cultural Movement of Ladakh) का विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम- एफसीआरए प्रमाणपत्र केंद्र सरकार ने रद्द कर दिया है। नतीजतन सोनम के संगठन को विदेश से अब कोई पैसा नहीं मिलेगा ।
सोनम के समर्थन विपक्षः हालांकि सोनम के साथ विपक्ष खड़ा हो गया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम हिंसा का समर्थन नहीं करते। लेकिन स्थिति इतनी खराब क्यों हुई, इसका जवाब बीजेपी को ही देना होगा।'