नयी दिल्लीः लद्दाख में हिंसा को उकसाने और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ संपर्क के आरोप में सोनम वांगचुक को गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी को 'अवैध' बताते हुए सोनम की पत्नी गीतांजलि जे आंगमो ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके द्वारा दायर की गई हेबियस कॉर्पस (Habeas Corpus) याचिका की सुनवाई कल 6 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है।
दशहरे की एक सप्ताह की छुट्टी के बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट खुल रहा है। पहले ही दिन न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और एनवी आंजारिया की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई होगी। सोमवार को इन दो न्यायाधीशों की बेंच में शीर्ष स्थान पर इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर रखा गया है।
24 सितंबर की हिंसक प्रदर्शनों के बाद लद्दाख की राजधानी लेह शहर में कर्फ्यू लगाया गया था और प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने गोलियां भी चलाई थीं। बाद में इस प्रदर्शन में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया गया था। उनके खिलाफ पाकिस्तान से संबंध रखने का भी आरोप लगाया गया था।
सोनम की गिरफ्तारी के बाद केंद्र सरकार ने उन्हें लद्दाख की किसी जेल में रखने का 'जोखिम' नहीं लिया। उन्हें जोधपुर की केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया। जहां इंडियन मुजाहिदीन के जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता अब्दुल गनी लोन बंद थे। उस जेल के बाहर भी उनकी रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन हुआ था।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि किसी को इस तरह की निवारक हिरासत (Preventive Detention) में रखना एक कठोर कदम है। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करना है इसलिए अदालत जांच करेगी कि सोनम वांगचुक को हिरासत में लेने का कारण उचित था या नहीं। अधिकारियों ने किसी गलत जानकारी या किसी अन्य उद्देश्य से सोनम को हिरासत में लिया था या नहीं।