देश में दूसरे चरण के SIR की घोषणा हो गयी है। सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर बताया कि दूसरे चरण में 12 राज्यों में SIR होने जा रहे हैं। जिन 12 राज्यों में SIR होने वाला है, उनमें अगले 3 सालों के अंदर विधानसभा चुनाव होने हैं। 12 में से 4 राज्य ऐसे हैं जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होंगे।
चलिए आपको SIR से जुड़ी सारी जानकारियां एक-एक कर बताते हैं -
कौन से 12 राज्यों में होंगे SIR?
- अंडमान निकोबार द्वीपसमूह
- छत्तीसगढ़
- गोवा
- गुजरात
- केरल
- लक्षद्वीप
- मध्य प्रदेश
- पुड्डचेरी
- राजस्थान
- तमिलनाडु
- उत्तर प्रदेश
- पश्चिम बंगाल
12 राज्यों में कब होंगे विधानसभा चुनाव?
चुनाव आयोग ने बताया कि SIR के दूसरे चरण जिन 12 राज्यों में शुरू होगा, उनमें अगले 3 सालों के अंदर ही विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में साल 2026 में विधानसभा चुनाव होंगे। गोवा, गुजरात और उत्तर प्रदेश में 2027 में और छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश व राजस्थान में 2028 में विधानसभा चुनाव होंगे। अंडमान व निकोबार और लक्षद्वीप केंद्रशासीत प्रदेश हैं।
SIR का पूरा शेड्यूल
प्रिंटिंग और ट्रेनिंग - 28 अक्तूबर से 3 नवंबर 2025
घर-घर जाकर मतदाता की जानकारी जुटाना - 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025
मतदाता सूची का ड्राफ्ट पेश - 9 दिसंबर 2025
मतदाता सूची के ड्राफ्ट में संशोधन - 9 दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026
अंतिम मतदाता सूची जारी - 7 फरवरी 2026
कौन से हैं 11 जरूरी दस्तावेज?
- केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी पेंशन पेमेंट ऑर्डर
- सरकारी या स्थानीय निकाय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, एलआईसी द्वारा जारी सर्टिफिकेट (1 जुलाई 1987 से पहले जारी)
- जन्म प्रमाणपत्र
- पासपोर्ट
- शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- परमानेंट रेजिडेंस सर्टिफिकेट
- फॉरेस्ट राइट सर्टिफिकेट
- जाति प्रमाण पत्र
- एनआरसी
- राज्य या लोकल बॉडी द्वारा तैयार फैमिली रजिस्टर
- जमीन या हाउस अलॉटमेंट सर्टिफिकेट
किसे नहीं देना होगा कोई दस्तावेज?
साल 2002 या 2003 की SIR सूची में जिन मतदाताओं के नाम हैं, उन्हें अलग से कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। अगर किसी मतदाता के माता-पिता का नाम भी 2002 या 2003 की मतदाता सूची में है, उन्हें अलग से कोई दस्तावेज नहीं देना पड़ेगा। उनका वेरिफिकेशन सामान्य प्रक्रिया से ही हो जाएगा।
क्या है वोटर की परिभाषा?
चुनाव आयोग ने संविधान की आर्टिकल 326 के तहत एक वोटर की पहचान या परिभाषा बतायी।
यदि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक हो, उसकी न्यूनतम आयु 18 वर्ष हो, क्षेत्र का स्थायी निवासी हो और कानून के तहत डिस्क्वालिफाई न किया गया हो तो वह भारत का मतदाता बन सकता है।