नयी दिल्लीः पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर विश्व मंच पर आतंकवाद को महिमामंडित करने की कोशिश की। शनिवार को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भाषण देते हुए शरीफ ने कश्मीर मुद्दे का उल्लेख किया और सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के लिए भारत की कड़ी आलोचना की। जवाब में भारत ने इस्लामाबाद पर आतंकवाद को महिमामंडित करने और विश्व मंच पर झूठ बोलने का आरोप लगाया।
पाक प्रधानमंत्री शरीफ के भाषण के बाद संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में भारतीय राजनयिक पेटल गहलोत ने उनकी टिप्पणी को 'अतार्किक नाटक' बताया। उन्होंने कहा पाकिस्तान एक बार फिर आतंकवाद के संदर्भ में एक विकृत बयान का प्रचार करने की कोशिश कर रहा है।
गहलोत ने संयुक्त राष्ट्र में यह भी कहा कि इस सभा की सुबह हमने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के एक अतार्किक नाटक को देखा। जिन्होंने फिर से आतंकवाद को महिमामंडित किया, जो उनकी विदेश नीति के केंद्र में है। हालांकि, कोई नाटक करके या कोई झूठ बोलकर असली तथ्यों को छिपाया नहीं जा सकता।
यहीं नहीं, भारतीय राजनयिक ने परिषद को याद दिलाया कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की हत्या के बाद चालू वर्ष की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने किस तरह आतंकवादी संगठन को बचाया था। गहलोत ने कहा यह वही पाकिस्तान है जिसने पिछले 25 अप्रैल को संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में भारत के केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों की बर्बर हत्याकांड को अंजाम देने के आरोप से पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवादी संगठन को बचाया था।
कई दशकों से इस्लामाबाद द्वारा लादेन से लेकर विभिन्न मोस्ट वांटेड आतंकवादियों को शरण देने के लंबे इतिहास का उल्लेख करते हुए भारतीय राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोला। गहलोत ने कहा, ' पाकिस्तान ऐसा देश है जो आतंकवाद को समर्थन देने और उसे पालने-पोसने की परंपरा में लंबे समय से डूबा हुआ है। वे एक हास्यास्पद कहानी को पेश करने में भी शर्म नहीं करते। मत भूलिए, यह वही देश है जिसने एक दशक तक ओसामा बिन लादेन को शरण दी थी। यहां तक कि आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में भागीदार होने का दिखावा करते समय भी उसके मंत्रियों ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि वे कई दशकों से आतंकवादी शिविर चला रहे हैं। इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है कि यह दोहरा चरित्र अब भी जारी है और इसका हिस्सा खुद उस देश का प्रधानमंत्री भी है।
उल्लेखनीय है, इस दिन शरीफ ने अपने भाषण में कहा, 'मैं कश्मीरी जनता को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैं उनके साथ हूं, पाकिस्तान उनके साथ है और एक दिन जल्द ही कश्मीर में भारत का अत्याचार बंद होगा।' यहीं नहीं, शरीफ ने 1960 के सिंधु जल समझौते को निलंबित करने का मुद्दा उठाते हुए भारत पर अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का आरोप लगाया।