भुवनेश्वरः सौदामिनी महला बर्तन धोने नदी के घाट पर गई थीं। उसी समय 59 वर्षीय इस महिला पर अचानक एक खारे पानी का मगरमच्छ झपट पड़ा और उसे खींचकर नदी के पानी में ले गया। इस भयानक घटना का वीडियो वायरल हो गया था। मंगलवार को महिला का आधा खाया हुआ शरीर बरामद हुआ। ओडिशा के जाजपुर जिले के बिनझरपुर थाना क्षेत्र के बोदुआ गांव की घटना है।
गांव के पास से ही तेज बहाव वाली नदी बहती है। सौदामिनी सोमवार को इसी नदी में बर्तन धोने गई थीं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मगरमच्छ के पानी में खींच ले जाने के बाद, उसके चंगुल से छूटने के लिए सौदामिनी ने कड़ा संघर्ष किया लेकिन उसका बचने का प्रयास विफल हो गया। घाट पर खड़े होकर असहाय भाव से देखने के अलावा ग्रामवासियों के पास कुछ करने का नहीं था। मगरमच्छ के चंगुल से उस महिला को बचाने जाते तो बचाने वाले की ही जान खतरे में पड़ सकती थी।
ग्रामवासियों में से एक व्यक्ति ने अपने मोबाइल फोन के कैमरे में इस भयानक घटना का एक वीडियो रिकॉर्ड किया। वह वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
मंगलवार को जाजपुर फॉरेस्ट रेंज के बांकुपाला गांव के पास तेज बहाव वाली नदी में ही सौदामिनी का आधा खाया हुआ शरीर दमकल वाहिनी और वन विभाग के गश्ती दल को मिला। जाजपुर रेंज के सहायक वन संरक्षक संतोषकुमार पाती ने कहा, 'शव को बरामद कर जाजपुर के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। मृत महिला के पति और दो बेटे हैं। जल्द ही वन विभाग की ओर से उन्हें 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।'
नदी, नहर, नाले सहित मगरमच्छों से भरे 672 वर्ग किलोमीटर लंबे भीतरकनिका वन्यजीव अभयारण्य में कम से कम 1826 खारे पानी के मगरमच्छ हैं। इसके साथ जुड़ी तेज बहाव वाली नदी भी है, इसलिए नदी के किनारे के गांवों में मगरमच्छ का हमला नई बात नहीं है। हर साल मगरमच्छ के हमले में पांच से छह लोगों की मौत होती है और भी कई लोग घायल होते हैं।
ग्रामवासियों का आरोप है कि वन्यजीवों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन मनुष्य के जीवन को महत्व नहीं दिया जा रहा है। मगरमच्छों के आतंक के खिलाफ भीतरकनिका की नदी के किनारे के गांवों के लोगों को अकेले ही लड़ना पड़ रहा है।
लेकिन वन विभाग का दावा है कि नदी के किनारे के गांवों के निवासियों को बार-बार नदी, नहर और अन्य जलाशयों में उतरने के बारे में चेतावनी दी जाती है, लेकिन वे उस ध्यान नहीं देते।