राहुल गांधी का आरोप-'सरकार विदेश नेताओं की विपक्ष के नेता से मुलाकात रोकती है; भाजपा ने कहा-'बेबुनियाद विवाद'

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने राहुल गांधी की टिप्पणी को गलत और भ्रामक बताया।

By डॉ. अभिज्ञात

Dec 05, 2025 09:29 IST

नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को यह कहकर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया कि केंद्र सरकार विदेशी नेताओं को विपक्ष के नेता से न मिलने की सलाह देती है। उन्होंने इसे पुरानी परंपरा तोड़ने वाला कदम बताया और कहा कि यह सरकार की असुरक्षा को दर्शाता है।

राहुल गांधी ने संसद के बाहर मीडिया से कहा कि यह एक परंपरा रही है। लेकिन आजकल विदेशी नेता जब भारत आते हैं, या जब मैं विदेश जाता हूं तो सरकार उन्हें विपक्ष के नेता से न मिलने की सलाह देती है। वे हमेशा ऐसा ही करते हैं। विपक्ष का नेता देश का एक अलग दृष्टिकोण रखता है। हम भी भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं, सिर्फ सरकार ही नहीं। लेकिन सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष बाहरी नेताओं से मिले। मोदी जी और विदेश मंत्रालय इस परंपरा का सम्मान नहीं करते। यह उनकी असुरक्षा है।

इस बीच सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया कि सरकारी कार्यक्रमों के अलावा बैठकें तय करना मेहमान प्रतिनिधिमंडल का अधिकार होता है। MEA विदेशी नेताओं की मुलाकातें सरकार से जुड़े अधिकारियों और संस्थाओं के साथ तय करता है। बाकी मुलाकातें मेहमान चाहें तो स्वयं तय करते हैं। 9 जून 2024 के बाद से कई नेताओं ने विपक्ष के नेता से मुलाकात की है।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने राहुल के आरोपों का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत अजीब है। एक प्रोटोकॉल है जिसमें आने वाले महत्वपूर्ण नेता विपक्ष के नेता से भी मिलते हैं। सरकार इस परंपरा को उलट रही है। वे नहीं चाहते कि कोई सवाल पूछे या दूसरी राय रखे। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ है। सरकार डरी हुई है और यह उसी डर का संकेत है। राजद नेता मनोज कुमार झा ने भी परंपरा टूटने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जैसे सरकार चुनी जाती है, वैसे ही विपक्ष भी चुना जाता है। देश की नब्ज समझने की यह परंपरा किसी की असुरक्षा के कारण खत्म की जा रही है।

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि किसी भी देश के राष्ट्रीय प्रमुख आने पर विपक्ष के नेता से मिलते रहे हैं। अटल जी और मनमोहन सिंह जी के समय में भी यह होता था। यह परंपरा नहीं टूटनी चाहिए। समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने कहा कि भाजपा कई परंपराएं बदल चुकी है और यह उसी कड़ी का हिस्सा है। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि विदेशी नेताओं को देश की समग्र तस्वीर समझने के लिए विपक्ष के नेता से मिलना चाहिए। सरकार को ऐसी बैठक तय करनी चाहिए थी या उन्हें आधिकारिक भोज पर आमंत्रित करना चाहिए था।

भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी के बयान न सिर्फ अनुचित हैं, बल्कि तथ्यों से परे भी हैं। पुतिन जैसे वैश्विक नेता भारत आए हुए हैं और ऐसे समय में देश के बारे में इस तरह बोलना सही नहीं है। राहुल गांधी का बयान भारत की छवि को अच्छा नहीं दिखाता। सरकार क्यों असुरक्षित होगी? आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। उन्हें लगता है कि सरकार उनसे डरती है। यह स्वयं को अधिक आंकने जैसा है। उन्होंने कहा कि MEA ही सभी आधिकारिक मुलाकातें आयोजित करता है और मेहमानों की अपनी इच्छा होती है कि वे किससे मिलें। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को दो दिवसीय भारत यात्रा पर पहुँचे। आज वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन करेंगे।

Prev Article
550 फ्लाइट्स कैंसिल, इंडिगो के 20 साल के इतिहास में पहली बार आया संकट! कब खत्म होगी यह परेशानी?
Next Article
अरुंधति रॉय की किताब की बिक्री रोकने की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज, कवर पर उन्हें बीड़ी पीते दिखाया गया है

Articles you may like: