नयी दिल्लीः रूस से खनिज तेल खरीदने के कारण भारत को अमेरिका की नाराजगी का शिकार होना पड़ा है। डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर भारी मात्रा में शुल्क लगाए हैं। इसके बावजूद भारत रूस के साथ अपने संबंध मजबूत करने में जुटा है। यह बात तब फिर जगजाहिर हो गयी जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के 73वें जन्मदिन पर उन्हें फोन किया और उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। सूत्रों के अनुसार दोनों देश के नेताओं ने मास्को और दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर और गहरा करने की इच्छा जताई।
23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन के लिए दिसंबर महीने में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं। जानकार वर्गों द्वारा इस परिप्रेक्ष्य में रूसी राष्ट्रपति को मोदी का फोन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मोदी ने फोन पर पुतिन को शुभकामनाएं देते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की कामना की।
उल्लेखनीय है कि भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा दिल्ली की व्यापार नीति पर अमेरिका के 'हंगामा' करने के बाद से शुरू हुई। ट्रम्प ने एक तरह से यह स्पष्ट कर दिया था कि यदि भारत ने रूस से खनिज तेल खरीदना बंद नहीं किया तो टैरिफ के बारे भी अमेरिका कोई नरम रवैया नहीं दिखाएगा। हालांकि इसके बाद भी साउथ ब्लाक ने व्यापार नीति में कोई बदलाव नहीं किया। पुतिन और मोदी बदले में चीन में आमने-सामने हुए थे। जानकार वर्ग का मानना है कि उनकी मुलाकात ट्रम्प को एक संदेश था। विशेषज्ञों दावा कर रहे हैं कि इस सबके बीच पुतिन के जन्मदिन पर मोदी का फोन द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के समग्र परिदृश्य में भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।