प्रधानमंत्री मोदी ने 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष' घोषित किया, कहा-’21वीं सदी हमारी’

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 'आसियान विज़न 2045’ और ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य पूरी मानवता के सुखद भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।

By डॉ.अभिज्ञात

Oct 26, 2025 18:54 IST

नई दिल्लीः कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोषणा की कि वर्ष 2026 को 'आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष' के रूप में मनाया जाएगा। यह घोषणा उन्होंने मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रहे 22वें आसियान शिखर सम्मेलन 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए संबोधित करते हुए की।

समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी में बढ़ता सहयोगः प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और आसियान के बीच मानवीय सहायता, आपदा राहत, समुद्री सुरक्षा और ब्लू इकोनॉमी जैसे क्षेत्रों में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। हमारा सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है। इसी को देखते हुए हम 2026 को ‘आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष’ के रूप में मना रहे हैं।

सम्मेलन की थीम : इस वर्ष आसियान सम्मेलन की थीम'समावेशिता और स्थिरता’ है। मोदी ने कहा कि यह थीम भारत और आसियान के साझा मूल्यों को दर्शाती है। चाहे डिजिटल समावेशन हो, खाद्य सुरक्षा हो या मजबूत सप्लाई चेन। भारत हमेशा अपने आसियान साझेदारों के साथ खड़ा रहा है।

21वीं सदी भारत और आसियान की-मोदीः मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 21वीं सदी भारत और आसियान की सदी है। हम शिक्षा, पर्यटन, विज्ञान-तकनीक, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ा रहे हैं। ‘आसियान विज़न 2045’ और ‘विकसित भारत 2047’ का लक्ष्य पूरी मानवता के सुखद भविष्य का मार्ग प्रशस्त करेगा।

नए सदस्य का स्वागतः प्रधानमंत्री मोदी ने टिमोर-लेस्ते को आसियान का नया सदस्य बनने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम को सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए बधाई देता हूं और टिमोर-लेस्ते का स्वागत करता हूं। साथ ही उन्होंने थाईलैंड की रानी मां, क्वीन सिरिकिट के निधन पर संवेदना भी व्यक्त की।

भारत और आसियान के बीच गहरे संबंधः प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और आसियान दुनिया की एक चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम सिर्फ भौगोलिक रूप से नहीं, बल्कि ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक रूप से भी गहराई से जुड़े हैं। आसियान, भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ का मुख्य स्तंभ है।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आसियान की अहम भूमिकाः मोदी ने कहा कि भारत हमेशा आसियान की केंद्रीय भूमिका और उसके हिंद-प्रशांत दृष्टिकोण का समर्थक है। आज की अनिश्चित परिस्थितियों में भारत-आसियान की साझेदारी वैश्विक स्थिरता और विकास की मजबूत नींव बन रही है।

आसियान में शामिल देश और भारतः आसियान (ASEAN) एक क्षेत्रीय संगठन है जिसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। टिमोर-लेस्ते को हाल ही में 11वें सदस्य देश के रूप में शामिल किया गया है। मोदी ने 2014 से अब तक सभी आसियान-भारत सम्मेलनों में भाग लिया है (2022 में नहीं)। 2018 में नई दिल्ली में आयोजित 25वें वर्षगांठ सम्मेलन में सभी 10 आसियान देशों के नेता भारत के गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि रहे थे।

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