रायपुर: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को 21 माओवादी कैडरों ने 18 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वालों में 13 महिलाएं शामिल हैं। केंद्र और राज्य सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन करना है।
बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) पी. सुंदरराज ने बताया कि ये कैडर केशकाल डिवीजन (उत्तर उप-क्षेत्रीय ब्यूरो) के कुएमारी/किस्कोडो एरिया कमेटी से जुड़े हुए थे। आत्मसमर्पण करने वालों में डिवीजन कमेटी सचिव मुकेश समेत चार डिवीजन कमेटी के सदस्य, नौ एरिया कमेटी सदस्य और आठ पार्टी सदस्य हैं शामिल हैं।
सुंदरराज ने एएनआई को बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने तीन AK-47 राइफलें, चार SLR राइफलें, दो INSAS राइफलें, छह .303 राइफलें, दो सिंगल शॉट राइफलें और एक BGL हथियार सौंपे हैं। इसे राज्य में वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के प्रयासों में एक निर्णायक कदम बताया। उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले कैडरों के पुनर्वास और पुनर्समेकन की प्रक्रिया जारी है।
सुंदरराज ने कहा कि कांकेर जिले में 21 और कैडर स्वेच्छा से मुख्यधारा में लौट आए हैं। यह हमारे उन प्रयासों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिनका उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद के प्रभाव को खत्म करना, समुदाय में विश्वास बनाना और बस्तर में शांति व विकास को बढ़ावा देना है। हम क्षेत्र में बचे हुए माओवादी कैडरों से एक बार फिर अपील करते हैं कि वे शांति का मार्ग अपनाएं और समाज में लौट आएं वरना परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
यह आत्मसमर्पण छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में हाल ही में हुई एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के बाद हुआ है, जब 17 अक्टूबर को बस्तर के जगदलपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में 208 नक्सलियों ने भारतीय संविधान को हाथ में लेकर आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में लौट आए।