भारतीय सेना की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) को लेकर एक बड़ा बयान दिया गया है। सैन्य अभियान महानिदेशक (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि पाकिस्तानियों ने अनजाने में ही ऑपरेशन सिंदूर के तहत नियंत्रण रेखा पर हताहत पाकिस्तानी सैनिकों की सूची जारी कर दी। उन्होंने पिछली 14 अगस्त को पाकिस्तान की स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 'मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की संख्या' को देखते हुए यह बात की।
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त को पाकिस्तानियों ने शायद अनजाने में ही अपने पुरस्कारों की सूची जारी कर दी थी। उनके द्वारा दिए गए मरणोपरांत पुरस्कारों की संख्या से अब हमें यह पता चल चुका है कि नियंत्रण रेखा पर उनके हताहतों की संख्या कितनी थी। यह संख्या 100 से अधिक थी।
'हमने उन्हें चैन से नहीं रहने दिया'
नवभारत टाइम्स की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट राजीव घई ने पहलगाम हमले के अपराधियों के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें 96 दिन लग गए लेकिन हमने उन्हें चैन से नहीं रहने दिया। जब तीनों को ढूंढ लिया गया और उनका मेडिकल टेस्ट किया गया तो ऐसा लग रहा था कि वे बहुत कुपोषित थे। दौड़ते-भागते वे मानो थक चुके थे। लोग अक्सर हमसे पलटकर पूछते हैं कि वे (आतंकवादी) कहां गायब हो गए हैं। लेकिन कई बार यह भूसे के ढेर में से सुई ढूंढने जैसा होता है।
गौरतलब है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हो गयी थी। इसके जवाब में ही भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस अभियान में आतंकवादियों के 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया और उन्हें तबाह कर दिया गया।
अपने बयान में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर का नाम सीधे तौर लिए बगैर में डीजीएमओ ने कहा कि यह सच है कि उस समय पाकिस्तानी सेना और उसके प्रमुख दबाव में थे। यह बात सभी को पता है। उन्हें न सिर्फ अपनी बल्कि पाक सेना की छवि को भी फिर से जिंदा करना था। इसका सबसे अच्छा तरीका जो उन्हें ज्ञात था, उन्होंने वहीं किया। फिर चाहे वह कितना भी कायरतापूर्ण ही क्यों न रहा हो।