इस साल अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने हमला कर भारतीय पर्यटकों को निशाना बनाया था। उस घटना की जांच NIA कर रही है। अब उसी पहलगाम घाटी में बनेगा रोपवे (Pahalgam Ropeway)। मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय जांच संस्थान ने इसके लिए मंजूरी दे दी है।
बता दें, बैसरन घाटी में करीब 1.4 किलोमीटर लंबी रोपवे बनाने की पहल की गयी थी। लेकिन अप्रैल में जब यहां आतंकवादी हमला हुआ था, उसके बाद इस काम को रोक दिया गया था। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से NIA से पूछा गया था कि यहां रोपवे बनाने का काम दोबारा शुरू किया जा सकेगा अथवा नहीं।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को NIA ने सभी जरूरी मंजूरी दे दी है। इस बारे में NIA के एक अधिकारी ने PTI को बताया कि रोपवे के बारे में उनके विचार पूछे गए थे। उन्होंने बताया कि जांच के दृष्टिकोण से इस मामले में उनकी कोई आपत्ति नहीं है।
पहलगाम में रोपवे निर्माण की जिम्मेदारी जम्मू एंड कश्मीर केबल कार कॉर्पोरेशन को दी गयी है। इस काम के लिए एक अन्य संस्था से भी करार किया गया है। लेकिन अप्रैल में हुए आतंकी हमले के बाद पूरी प्रक्रिया को ही बंद कर देना पड़ा था।
गत 27 अक्तूबर को इस परियोजना के विकास के बारे में जम्मू-कश्मीर विधानसभा अधिवेशन के प्रश्नोत्तर काल के दौरान पहलगाम के विधायक अल्ताफ अहमद वानी ने पूछा था। उन्होंने बताया कि एक संस्थान को इस काम की जिम्मेदारी तो सौंपी गयी है लेकिन पहलगाम हमले के बाद से उस काम को शुरू नहीं किया जा सका है।
जम्मू-कश्मीर के पर्यटन विभाग की ओर से बताया गया है कि इसके बाद अनंतनाग जिला प्रशासन को NIA से संपर्क करने के लिए कहा गया था। NIA ने अपनी मंजूरी देते हुए कहा कि इस काम में उनको कोई आपत्ति नहीं है। विभाग की ओर से बताया गया है कि रोपवे का निर्माण होने के बाद पहलगाम में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही पर्यटक भी बैसरन घाटी की सुन्दरता को रोपवे के रोमांचक सफर से दिल खोलकर निहार सकेंगे।
मीडिया से बात करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दूल्ला ने बताया कि इस रोपवे के लिए 9 हेक्टेयर से थोड़ी अधिक जमीन की जरूरत है। वहां के वन विभाग की जमीन पर ही इस परियोजना का काम किया जाएगा। इसका एक सिरा पहलगाम में यात्री निवास के पास रहेगा। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना को पूरा करने में करीब ₹120 करोड़ का खर्च आएगा। बताया जाता है कि काम शुरू होने के लगभग 18 महीनों के अंदर उसे पूरा कर लिया जाएगा।