नेपाल की अस्थिरता पर मोहन भागवत ने तोड़ी चुप्पी, RSS प्रमुख ने क्या संदेश दिया?

विजयादशमी और संघ के शताब्दी समारोह में स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि जो सरकार जनता की चिंताओं और समस्याओं से खुद को दूर रखती है, उस सरकार को जनता के कड़े गुस्से का सामना करना पड़ता है।

By अयंतिका साहा, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 02, 2025 14:44 IST

मुंबईः नेपाल की हालिया राजनीतिक अस्थिरता पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने चुप्पी तोड़ी है। महाराष्ट्र में विजयादशमी और संघ के शताब्दी समारोह में भाषण देते हुए RSS प्रमुख ने कहा, 'जो सरकार जनता की चिंताओं और समस्याओं से खुद को दूर रखती है, उस सरकार को जनता के कड़े गुस्से का सामना करना पड़ता है।' नेपाल का जिक्र करते हुए उन्होंने आगे कहा, 'केवल देश के बाहर ही नहीं, अंदर भी कुछ ताकतें अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रही हैं।'

इस दिन RSS प्रमुख ने अपने भाषण में पड़ोसी देशों में हुई राजनीतिक अस्थिरता का जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'जनता के गुस्से की हिंसक अभिव्यक्ति के कारण श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में सरकार बदलना हमारे लिए चिंता का विषय है। पिछले तीन वर्षों में भारत के पड़ोसी क्षेत्र में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। युवा नेतृत्व के विरोध के परिणामस्वरूप श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में सरकारें बदली हैं।

RSS प्रमुख ने इस संदर्भ में आगे कहा कि सरकार को जनता के प्रति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने याद दिलाया कि केवल लोकतांत्रिक तरीके से ही देश में बदलाव लाया जा सकता है। भागवत ने कहा, 'हिंसक विरोध से कोई लक्ष्य पूरा नहीं होता, बल्कि देश के बाहर बैठी ताकतों को अपना खेल खेलने का एक मंच मिल जाता है।

RSS प्रमुख ने अमेरिका की शुल्क नीति का भी उल्लेख किया। उन्होंने देश की आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'हाल ही में अमेरिका ने एक नई शुल्क नीति अपनाई है। यह शायद उनके अपने फायदे के लिए है, लेकिन इसका प्रभाव सभी पर पड़ रहा है। निर्भरता कहीं बाध्यता न बन जाए, इसलिए हमें अवश्य स्वावलंबी बनना होगा। हमें आत्मनिर्भर बनना होगा।'

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