नई दिल्ली : कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यहां की एक अदालत द्वारा संज्ञान लेने से इनकार करने से नरेंद्र मोदी सरकार की “गैरकानूनी कार्रवाई” और “राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित अभियोजन” पूरी तरह बेनकाब हो गया है।
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, सोनिया गांधी और पांच अन्य के खिलाफ ईडी द्वारा लगाए गए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप पर संज्ञान लेने से इनकार करते हुए अदालत ने कहा कि दाखिल चार्जशीट किसी मूल अपराध यानी प्रेडिकेट ऑफेंस की एफआईआर पर आधारित नहीं है, बल्कि एक निजी व्यक्ति की शिकायत की जांच पर आधारित है। न्यायाधीश ने कहा कि कानून के तहत ऐसे में संज्ञान लेना अनुमेय नहीं है। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले में पहले ही एक एफआईआर दर्ज कर चुकी है इसलिए मामले के गुण-दोष के आधार पर ईडी के तर्कों पर निर्णय देना फिलहाल समयपूर्व होगा।
ईडी ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ-साथ दिवंगत पार्टी नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और एक निजी कंपनी ‘यंग इंडियन’ पर साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया है। आरोप है कि उन्होंने ‘एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ (एजेएल) की लगभग 2,000 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्तियां हासिल कीं, जो ‘नेशनल हेराल्ड’ अखबार का प्रकाशन करती है। जांच एजेंसी का यह भी आरोप है कि ‘यंग इंडियन’ में गांधी परिवार की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी थी, जिसने 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले एजेएल की संपत्तियों पर “धोखाधड़ी से” कब्जा कर लिया।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व-सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को अदालत ने पूरी तरह गैरकानूनी और दुर्भावनापूर्ण पाया है। मोदी सरकार की दुर्भावना और गैरकानूनी कार्रवाई पूरी तरह उजागर हो गई है। अदालत ने फैसला दिया है कि ईडी का मामला अधिकार क्षेत्र से बाहर है; इसमें कोई एफआईआर नहीं है और एफआईआर के बिना कोई मामला नहीं बनता। पिछले एक दशक से देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा चलाया जा रहा यह राजनीतिक रूप से प्रेरित अभियोजन आज भारत की जनता के सामने बेनकाब हो गया है।
श्रीनेत ने कहा, “न तो मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला है, न अपराध से अर्जित कोई आय और न ही संपत्ति का कोई लेन-देन; ये सभी निराधार आरोप एक राजनीतिक शिकार, प्रचार, छवि धूमिल करने और अभियान का हिस्सा थे, जो आज पराजित हो गए हैं। कांग्रेस और उसका नेतृत्व सत्य के लिए और हर भारतीय के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें डराया नहीं जा सकता और न ही हम कभी डरेंगे क्योंकि हम सत्य के लिए लड़ते हैं।