चेन्नई:तमिलनाडु मेडिकल काउंसिल ने विदेशी मेडिकल स्नातकों (FMGs) के पंजीकरण में देरी को लेकर आई मीडिया रिपोर्टों पर अपना स्पष्टीकरण दिया है।
TNMC ने बताया कि FMGs को प्रोविजनल पात्रता प्रमाण पत्र और प्रोविजनल पंजीकरण जारी करने से पहले एक तय और सख्त जांच प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसमें स्क्रीनिंग टेस्ट प्रमाण पत्र, पासपोर्ट और यात्रा विवरण, दूतावास से सत्यापन, और संबंधित विश्वविद्यालयों से मेडिकल डिग्री प्रमाण पत्र की पुष्टि शामिल होती है। इन सभी चरणों में कई एजेंसियों से समन्वय करना पड़ता है इसलिए इसमें समय लगता है।
इस जांच प्रक्रिया के दौरान TNMC ने कई फर्जी प्रमाण पत्रों के मामले भी पकड़े हैं जिन्हें मरीजों की सुरक्षा और जनहित को ध्यान में रखते हुए खारिज किया गया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार TNMC ने यह भी स्पष्ट किया कि उसका कार्य केवल पात्रता और पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना है। इंटर्नशिप आवंटन या प्रशिक्षण नीति से जुड़े फैसले TNMC के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते।
जो FMGs कोविड-19 महामारी या युद्ध जैसी परिस्थितियों के कारण ऑनलाइन पढ़ाई या परीक्षा में शामिल हुए थे उनके लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने अलग दिशा-निर्देश जारी किए हैं। TNMC इन दिशा-निर्देशों के अनुसार ही आवेदन प्रक्रिया पूरी करता है।
NMC द्वारा तय 7.5% कोटा के तहत तमिलनाडु के मेडिकल कॉलेजों में अनिवार्य रोटेटरी मेडिकल इंटर्नशिप (CRMI) का आवंटन चिकित्सा शिक्षा निदेशालय करता है। इस कोटे में कुछ कॉलेजों में अभी भी सीटें खाली हैं।
TNMC ने कहा कि वह ईमानदार FMGs की मदद करते हुए, अयोग्य या फर्जी डॉक्टरों को मेडिकल सिस्टम में आने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि जनता की सेहत और उनका भरोसा सुरक्षित रहे।