जादवपुर यूनिवर्सिटी (JU) ने अपने 33 साल पुराने ऐतिहासिक 'पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन' (PGDMC) कोर्स को बंद करने का फैसला किया है। मिली जानकारी के अनुसार कोर्स को चलाने के लिए इस साल छात्रों ने अपनी अधिक दिलचस्पी नहीं दिखाई। इस वजह से यूनिवर्सिटी प्रशासन ने यह फैसला लिया है। वर्ष 1990 में इस कोर्स की शुरुआत जादवपुर यूनिवर्सिटी के एडल्ट कंटिन्यूइंग एडुकेशन एंड एक्सटेंशन विभाग के तहत की गयी थी।
पर क्यों कोर्स को पूरी तरह से बंद करने का लिया गया फैसला?
यूनिवर्सिटी सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार इस साल PGDMC कोर्स के लिए छात्रों ने काफी कम दिलचस्पी दिखाई थी जिस वजह से अधिकारियों को यह कदम उठाना पड़ा है। बताया जाता है कि इस साल कोर्स में दाखिले के लिए सिर्फ 60 आवेदन ही जमा हुए थे जो कोर्स को चालू रखने के लिए काफी नहीं हैं।
एडल्ट कंटिन्यूइंग एडुकेशन एंड एक्सटेंशन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आवेदकों के शुल्क को वापस लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इस बाबत एक विज्ञप्ति भी जादवपुर यूनिवर्सिटी के आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की गयी है।
जानकारों ने इस कोर्स के बंद होने के पीछे की मुख्य वजह विभाग की आंतरिक समस्याएं और दूसरे कोर्स के प्रति छात्रों के बढ़ने आकर्षण को जिम्मेदार ठहराया है। इससे पहले भी क्या इस तरह से जादवपुर यूनिवर्सिटी में कोई कोर्स बंद किया गया था? इस बारे में किसी के पास भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
एक अध्यापक ने बताया कि लगभग सभी विषयों में ही पीजी डिप्लोमा कोर्स के प्रति छात्रों का आग्रह कम हो रहा है। इसकी वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि इस कोर्स को करने के बाद अधिक फायदा नहीं होता है। इसलिए छात्र इससे दूर भाग रहे हैं।