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‘BJP की कहानी को खुद चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया’, SIR की ड्राफ्ट लिस्ट जारी होते ही अभिषेक बनर्जी का हमला

बंगाल की SIR ड्राफ्ट सूची को बनाया हथियार, घुसपैठ और रोहिंग्या मुद्दे पर BJP पर बरसे तृणमूल के सर्वभारतीय महासचिव

By अरिंदम बंद्योपाध्याय, Posted by: श्वेता सिंह

Dec 17, 2025 18:32 IST

नई दिल्लीः पश्चिम बंगाल में कथित घुसपैठ और रोहिंग्याओं को लेकर BJP के आरोपों पर तृणमूल कांग्रेस के सर्वभारतीय महासचिव और लोकसभा में पार्टी नेता अभिषेक बनर्जी ने तीखा पलटवार किया है। SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी होते ही उन्होंने इसे BJP के दावों के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत बताया। दिल्ली के संसद परिसर में खड़े होकर अभिषेक ने केंद्र सरकार और खासतौर पर गृह मंत्री अमित शाह को सीधे कटघरे में खड़ा किया।

अभिषेक बनर्जी ने कहा कि BJP लंबे समय से एक–डेढ़ करोड़ रोहिंग्या और घुसपैठियों की कहानी गढ़ रही है, लेकिन SIR की ड्राफ्ट सूची ने उस कहानी को पूरी तरह झूठा साबित कर दिया है। उन्होंने कहा, “किसी भी समरी रिवीजन में डेढ़ से दो प्रतिशत वोटरों के नाम मृत्यु या स्थानांतरण के कारण कटते हैं, यह स्वाभाविक है। लेकिन BJP जिस तरह करोड़ों घुसपैठियों की बात कर रही थी, वे कहां हैं? खुद चुनाव आयोग ने BJP की कहानी खारिज कर दी है।”

अभिषेक ने आगे कहा कि यदि वास्तव में कोई रोहिंग्या या घुसपैठिया है, तो चुनाव आयोग को उनकी सूची सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर घुसपैठ हुई है तो उसकी जिम्मेदारी गृह मंत्री अमित शाह और उनके अधीन सीमा की सुरक्षा करने वाली एजेंसियों की है।

पहलगाम हमले का जिक्र

घुसपैठ के मुद्दे पर हमला तेज करते हुए अभिषेक बनर्जी ने जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “पहल्गाम में जो हुआ, वहां तो तृणमूल सरकार नहीं है। ममता बनर्जी जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री नहीं हैं और वहां की पुलिस भी उनके अधीन नहीं है। फिर वहां आतंकवाद और घुसपैठ कैसे हो रही है? इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? गृह मंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।”

उन्होंने बिहार चुनाव से पहले दिल्ली में हुए विस्फोटों का मुद्दा भी उठाते हुए केंद्र सरकार पर सवाल खड़े किए।

घुसपैठ बनाम बंगाली अस्मिता

अभिषेक ने आरोप लगाया कि घुसपैठ के नाम पर BJP बंगालियों की अस्मिता पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा कि केवल बंगाली भाषा बोलने के कारण लोगों को ‘बांग्लादेशी’ कहकर निशाना बनाया जा रहा है। BJP शासित राज्यों में बंगालियों को प्रताड़ित किया गया और डिटेंशन कैंप तक भेजा गया।

उन्होंने सोनाली खातून का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस ने उसे बांग्लादेश भेज दिया था, जबकि उसके माता-पिता का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में मौजूद है। अदालत के हस्तक्षेप के बाद सोनाली को वापस लाना पड़ा। अभिषेक ने बताया कि वह शुक्रवार को खुद बीरभूम जाकर सोनाली से मुलाकात करेंगे।

बंगाल विरोधी राजनीति का आरोप

अभिषेक बनर्जी ने BJP को “बंगाल विरोधी” करार देते हुए कहा कि अदालत के आदेश के बावजूद काम शुरू नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मनरेगा का नाम बदलकर महात्मा गांधी का नाम हटाने के मुद्दे पर भी केंद्र पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने दी थी। उसी नाम को योजनाओं से हटाया जा रहा है। यह बंगाल के इतिहास और महान व्यक्तित्वों का अपमान है। BJP के नेता न तो कविगुरु के जन्मस्थान को जानते हैं, न ही बंगाल की विरासत को समझते हैं।”

कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर पूछे गए सवाल पर अभिषेक ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ही लेंगी। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में कांग्रेस को देने के लिए तृणमूल के पास कुछ नहीं है और पार्टी ने पिछले 15 वर्षों में अकेले लड़कर लगातार सफलता हासिल की है।

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