नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर विकसित भारत–गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक करने के फैसले के विरोध में बुधवार को कांग्रेस नेता उदित राज ने अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान विधेयक की एक प्रति जला दी।
उदित राज ने कहा, “मनरेगा, जो ग्रामीण बेरोज़गारी को खत्म करने की देश की सबसे बड़ी और ऐतिहासिक योजना थी, उसे समाप्त करने की साजिश की जा रही है। महात्मा गांधी का नाम हटाकर न केवल उनकी विरासत पर हमला किया जा रहा है, बल्कि ग्रामीण मज़दूरों के रोज़गार के कानूनी अधिकार को भी खत्म किया जा रहा है।”
विधेयक का विरोध करते हुए कांग्रेस ने 17 दिसंबर को देशभर में विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला की घोषणा की है। पार्टी ने भाजपा और आरएसएस पर “अधिकार-आधारित कल्याण” को खत्म कर केंद्र-नियंत्रित दान व्यवस्था से बदलने की कोशिश का आरोप लगाया। कांग्रेस ने अपनी राज्य इकाइयों को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन आयोजित करने के निर्देश दिए। इन प्रदर्शनों में महात्मा गांधी के चित्र लगाए गए, ताकि “उनके नाम और मूल्यों को मिटाने” के प्रयासों के खिलाफ प्रतिरोध का प्रतीक प्रस्तुत किया जा सके। कांग्रेस ने नए कानून के लाखों लाभार्थियों पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को भी रेखांकित किया।