लियोनेल मेस्सी तीन दिन के भारत दौरे पर आए थे। इस GOAT इंडिया टूर के तहत उन्होंने कोलकाता, हैदराबाद, मुंबई और दिल्ली में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया। टिकटों की कीमतें आसमान छू रही थीं फिर भी मेस्सी की एक झलक पाने की उम्मीद में प्रशंसकों ने स्टेडियम भर दिए। सिर्फ दर्शक ही नहीं मेस्सी को भारत लाने के लिए आयोजकों ने भी भारी खर्च भी किया था।
चारों स्थानों पर आयोजनों समेत कुल मिलाकर करोड़ों रुपये खर्च हुए। लेकिन भारतीय फुटबॉल का भविष्य पहले भी अंधकार में था और आज भी वैसा ही है। निवेशकों की कमी के कारण ISL और आई-लीग के आयोजन को लेकर जटिलताएं बढ़ती जा रही हैं। यह स्थिति मानो सिक्के के दो पहलुओं जैसी है। इसी को लेकर भारत के स्टार फुटबॉलर संदेश झिंगन ने अपनी नाराजगी और निराशा जाहिर की।
इस मुद्दे पर उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट किया। मेस्सी को लाने के लिए बड़े-बड़े उद्योगपति करोड़ों रुपये खर्च करने से नहीं हिचकिचाते, लेकिन भारतीय फुटबॉल को बचाने के प्रति उनकी अनिच्छा संदेश को स्वीकार नहीं है। इसी भावना को उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में विस्तार से व्यक्त किया।
अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि पिछले कुछ दिनों में पूरे देश में अचानक फुटबॉल के प्रति जो प्यार देखने को मिला, वह सचमुच हैरान करने वाला है। सबसे पहले मैं यह कहना चाहता हूं कि यह देखकर अच्छा लगा कि हमारे देश के लोग भी फुटबॉल के लिए स्टेडियम भर सकते हैं। लेकिन एक बात मुझे परेशान करती है कि इन सबके बीच हमारे देश का फुटबॉल शायद अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है।
अगले सत्र में हम घरेलू फुटबॉल खेल पाएंगे या नहीं यह भी अब सवाल बन गया है। सब कुछ दबाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि भारतीय फुटबॉल में निवेश करने की इच्छा किसी में भी नहीं है। वहीं मेस्सी के इस दौरे के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए। इससे यही साबित होता है कि हम फुटबॉल से प्यार तो करते हैं, लेकिन अपने ही फुटबॉलरों का समर्थन नहीं करना चाहते।
लगातार खराब प्रदर्शन के कारण भारतीय फुटबॉलरों को आलोचना झेलनी पड़ती है—यह बात भी संदेश ने स्वीकार की। उन्होंने फुटबॉल प्रेमियों को निराश करने की जिम्मेदारी भी ली। इसके बावजूद उन्होंने भारतीय फुटबॉल के समर्थन में खड़े होने की भावुक अपील की। मेस्सी के GOAT इंडिया टूर के बाद यह मांग और भी मजबूत हुई है जिसे उन्होंने अपने पोस्ट में रेखांकित किया।
उन्होंने आगे लिखा कि हम भारतीय फुटबॉल के अच्छे दिन फिर से लौटा सकते हैं। लेकिन इस समय मैं खुद से कई सवाल कर रहा हूं। लाखों लोगों का अपने सपनों को साकार होते देखना मुझे बेहद खुशी देता है। उम्मीद है कि इस आयोजन के बाद भारतीय फुटबॉल की समस्याओं के समाधान को लेकर भी उसी तरह की सक्रियता देखने को मिलेगी। इसलिए सिर्फ फुटबॉल से प्यार करना ही नहीं बल्कि देश के प्रति उसे कैसे दिखाया जाए—इस पर भी चर्चा होगी ऐसी आशा करता हूं।
विशेषज्ञों का मानना है कि संदेश की यह मांग पूरी तरह उचित है। मेस्सी के भारत दौरे से पहले भी भारतीय फुटबॉल प्रेमियों का एक वर्ग यही सवाल उठा रहा था। जिस ढांचे से भारतीय फुटबॉलर निकलकर आते हैं, उसमें अंतरराष्ट्रीय मंच पर विश्व-स्तरीय प्रदर्शन की उम्मीद करना भी गलत है। जहां मेस्सी के टूर के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं वहीं देश के फुटबॉल ढांचे के विकास के लिए निवेश में अनिच्छा साफ दिखाई देती है।