लियोनेल मेस्सी ने भारत का दौरा एक निजी आयोजन के तहत किया। तीन दिन और चार शहरों का यह दौरा रहा। नन्हे खिलाड़ियों से मुलाकात, ऑटोग्राफ देना, सेल्फी लेना और दर्शकों को गेंद उपहार में देना यह सब कुछ इस कार्यक्रम का हिस्सा था। लेकिन मेस्सी के इस इवेंट को लेकर कई सवाल खड़े हुए हैं, खासकर भारतीय फुटबॉल की मौजूदा हालत को देखते हुए। अब इस मुद्दे पर इंटर काशी के कोच एंतोनियो लोपेज़ हाबास खुलकर सामने आए हैं।
इससे पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने भी मेस्सी के भारत दौरे को लेकर निराशा जताई थी। उन्होंने कहा था कि मेस्सी के इवेंट पर खर्च की गई रकम देश के खेल ढांचे में लगाई जा सकती थी। मिनर्वा अकादमी और दिल्ली FC के मालिक रंजीत बजाज ने यहां तक कहा था कि अगर उन्हें 150 करोड़ रुपये दिए जाएं तो वे 10 मेसी तैयार कर सकते हैं। हालांकि बाद में वही बजाज मेस्सी के साथ तस्वीर खिंचवाते और अपनी टीम के साथ उनके सामने खेलते हुए भी नजर आए। अब हाबास ने भी इस पूरे मामले पर नाराजगी जताई है।
हाबास लंबे समय से भारत में कोचिंग कर रहे हैं। ISL के पहले सीजन 2014 में वे एटलेटिको डी कोलकाता के कोच थे। इसके बाद उन्होंने ATK और ATK मोहनबागान की भी कमान संभाली। फिलहाल वे इंटर काशी के कोच हैं और हाल ही में टीम को आई-लीग चैंपियन बनाया है। उनकी टीम को अगला सीजन ISL खेलना था, लेकिन ISL और I-लीग दोनों के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इससे भारतीय फुटबॉल से जुड़े सभी लोग चिंतित हैं।
हाबास ने क्या कहा?
कुछ दिन पहले एंतोनियो लोपेज हाबास ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने लिखा है कि ईमानदारी से कहूं तो जिस हालत में भारत में पेशेवर और शौकिया फुटबॉल है और हर स्तर पर फुटबॉल विनाशकारी स्थिति में है, ऐसे समय में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को लेकर इस तरह का आयोजन करना मुझे शर्मनाक लगा। इसके बाद उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि अगर मेस्सी को भारतीय फुटबॉल की वास्तविक स्थिति का पता होता, तो शायद वे भारत आते ही नहीं। उन्होंने लिखा है कि पेशेवर खिलाड़ी और कोच नहीं जानते कि वे दोबारा कब खेल पाएंगे, और कई मामलों में महीनों से उन्हें वेतन तक नहीं मिला है। मुझे पूरा यकीन है कि अगर मेस्सी को इन हालात की जानकारी होती, तो वे इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेते।
इस समय ISL के आयोजन के लिए कोई भी कंपनी आगे नहीं आई है। हाल ही में I-लीग के आयोजन के लिए भी निविदाएं मांगी गई थीं, लेकिन किसी संस्था ने दिलचस्पी नहीं दिखाई। ऐसे में ISL के बाद I-लीग के भविष्य को लेकर भी संदेह गहरा गया है।
जिस दिन मेस्सी भारत पहुंचे, उसी दिन कोलकाता में एक फुटबॉल प्रशंसक हाथ में पोस्टर लेकर भारतीय फुटबॉल को बचाने की अपील करता नजर आया। हालांकि मेस्सी ने अपने वीडियो के कैप्शन में भारतीय फुटबॉल के विकास की उम्मीद जरूर जताई है।