भुवनेश्वर : ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (KISS) के एक छात्र की मौत के मामले में जांच ने नया मोड़ ले लिया है। पुलिस के अनुसार नौवीं कक्षा के इस छात्र की हॉस्टल के बाथरूम में पीटकर और गला दबाकर हत्या की गई है। इस मामले में उसके ही तीन सहपाठियों पर आरोप लगाया गया है। वहीं KISS प्रशासन का दावा था कि छात्र बाथरूम में फिसलकर गिर गया था और उसकी मौत एक दुर्घटना थी। लेकिन पुलिस जांच में यह दावा गलत साबित हुआ है।
भुवनेश्वर के पुलिस कमिश्नर सुरेश देवदत्त सिंह ने बताया कि इस शिक्षण संस्थान पर सबूत मिटाने और गवाह बने अन्य नाबालिग छात्रों को डराने के आरोप हैं। इस मामले में KISS के आठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इसके अलावा जिन डॉक्टरों ने छात्र का इलाज किया था, उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
घटना की शुरुआत कैसे हुई : पुलिस के अनुसार मृत छात्र का नाम शिवा मुंडा (14) था। वह केओनझार जिले के टिकरगुमुरा गांव का रहने वाला था। 12 दिसंबर को इलाज के दौरान भुवनेश्वर के KIMS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में उसकी मौत हो गई।
शिवा के पिता रघुनाथ मुंडा ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रशासन असली घटना को छिपाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह स्कूल से फोन आया कि उनका बेटा अचानक बीमार हो गया है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर उन्हें बेटे की मौत का सही कारण या इलाज से जुड़े कोई दस्तावेज नहीं मिले।
स्कूल और अस्पताल के व्यवहार से रघुनाथ को शक हुआ। उनका यह भी आरोप है कि मौत के बाद बिना पोस्टमार्टम के ही शिवा का शव परिवार को सौंप दिया गया। इसके बाद परिवार के लोगों ने केओनझार जिला कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। फिर रघुनाथ ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराई।
जांच में सामने आया हत्या का कारण : इन्फोसिटी थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि हॉस्टल में दाल गिरने को लेकर शिवा और उसके तीन सहपाठियों के बीच झगड़ा हुआ था। इसी विवाद के चलते तीनों ने शिवा की पिटाई की और बाद में गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में साफ हुआ कि यह कोई हादसा नहीं था। छात्र की गर्दन पर गला दबाने के निशान पाए गए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी तीन नाबालिग छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में उन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया। बाद में उन्हें जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया और फिलहाल उन्हें सुधार गृह में रखा गया है।