नयी दिल्लीः राज्य में घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए SIR किया जा रहा है, यह दावा भाजपा का है। हालांकि, मंगलवार को मसौदा मतदाता सूची जारी होने के बाद भी राज्य में कितने घुसपैठिए हैं, इस पर चुनाव आयोग ने कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं दिया। ऐसे में 2014 से देश में घुसपैठ की संख्या जानने के लिए तृणमूल कांग्रेस के दो सांसद-जगदीशचंद्र बर्मा बसुनिया और शर्मिला सरकारने केंद्र सरकार से आंकड़े मांगे थे। उनके सवाल के आधार पर केंद्र ने विभिन्न देशों से घुसपैठ के सटीक आंकड़े पेश किए।
लोकसभा में पेश सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत–बांग्लादेश सीमा पर सबसे अधिक घुसपैठियों को पकड़ा या गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद म्यांमार, पाकिस्तान और नेपाल–भूटान सीमा का स्थान है। हालांकि, केंद्र सरकार ने संसद में दावा किया है कि 2014 से भारत–चीन सीमा पर घुसपैठ की कोई घटना नहीं हुई है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि 2014 से 2024 तक पिछले दस वर्षों में बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान और नेपाल–भूटान के साथ भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से कुल 20,806 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है। चालू वर्ष में जनवरी से नवंबर के बीच इन सीमाओं से 3,120 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है।
इनमें भारत–बांग्लादेश सीमा पर सबसे अधिक 18,851 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया। भारत–म्यांमार सीमा पर 1,165, भारत–पाकिस्तान सीमा पर 556 और भारत–नेपाल–भूटान सीमा पर 234 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया।
सिर्फ इसी वर्ष नवंबर तक भारत–बांग्लादेश सीमा पर 2,556, भारत–म्यांमार सीमा पर 437, भारत–पाकिस्तान सीमा पर 49 और भारत–नेपाल–भूटान सीमा पर 78 घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया है।