मुंबई हवाई अड्डे पर सिल्वर गिबन का उद्धार, एक की मौत, दूसरा गंभीर स्थिति में

सिल्वर गिबन का प्राकृतिक आवास इंडोनेशिया के जावा द्वीप में है और यह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के जानवर हैं। वर्तमान में दुनियाभर में केवल लगभग ढाई हजार सिल्वर गिबन ही बचे हैं।

By

Oct 31, 2025 16:27 IST

मुंबईः मुंबई हवाई अड्डे पर बैंकॉक से आए एक विदेशी यात्री के ट्रॉली बैग से दुर्लभ प्रजाति के सिल्वर गिबन का उद्धार किया गया। गुरुवार को सीमा शुल्क विभाग की सक्रियता से दो गिबन को बरामद किया गया, लेकिन उनमें से एक हवाई यात्रा का तनाव सहन न कर पाने के कारण मृत पाया गया। सूत्रों के अनुसार, दूसरा गिबन बीमार है और उसे वन्यजीव विभाग के कर्मचारियों के सुपुर्द कर दिया गया।

उद्धार किए गए गिबन में से एक की उम्र दो महीने है, जबकि दूसरे की उम्र चार महीने बताई गई है। सीमा शुल्क विभाग का संदेह है कि ये गिबन भारत में तस्करी के लिए लाए जा रहे थे। उस यात्री से लगातार पूछताछ जारी है। मुंबई वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के अनुसार सिल्वर गिबन का प्राकृतिक आवास इंडोनेशिया के जावा द्वीप में है और यह अत्यंत दुर्लभ प्रजाति के जानवर हैं। वर्तमान में दुनियाभर में केवल लगभग ढाई हजार सिल्वर गिबन ही बचे हैं। अधिकारी ने बताया कि स्तनधारी जानवरों के लिए हवाई यात्रा का तनाव सहना अत्यंत कठिन होता है और दुनिया में जावा के बाहर इनके जीवित रहने के बहुत कम उदाहरण हैं। मुंबई हवाई अड्डे से उद्धार हुए जीवित सिल्वर गिबन के इलाज में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।

सीमा शुल्क विभाग के सूत्रों के अनुसार जिसके बैग से गिबन बरामद हुए वह संभवतः मलेशिया होते हुए बैंकॉक पहुंचा था और उसके पास से ये गिबन भारत में तस्करी के लिए लाए गए थे। वन्यजीव विभाग के अन्य अधिकारियों ने बताया कि सिल्वर गिबन को आमतौर पर ‘एक्जॉटिक पेट’ माना जाता है और तस्करी के बाजार में इसकी कीमत कई लाख डॉलर है। धूसर रंग के बाल और नीली आंखों के कारण यह दुनिया भर में मांग में है। इसे अक्सर ‘गाना गाने वाला बंदर’ भी कहा जाता है। नर और मादा सिल्वर गिबन जब एक साथ रहते हैं तो ऊँची और मधुर आवाज निकालते हैं। ये सामान्यतः एकविवाही होते हैं और चार-पांच बच्चों के साथ जंगल में घूमते हैं।

इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (IUCN) ने इस प्रजाति को दुर्लभ घोषित किया है। पहले यह इंडोनेशिया सहित दक्षिण-पूर्व एशिया में अधिक पाया जाता था, लेकिन अब इसकी संख्या घटकर लगभग ढाई हजार रह गई है।

Prev Article
स्कूलों में नाश्ता और बारहवीं तक मिड-डे मील की मांग तेज, सात राज्यों ने भेजा प्रस्ताव
Next Article
बिहार चुनाव के बाद मोदी का कांग्रेस पर ताबड़तोड़ हमला, राहुल गांधी को ‘नामदार’ कहकर तंज कसा

Articles you may like: