पश्चिम बंगाल समेत देश के 12 राज्यों में 4 नवंबर से SIR की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। प्रत्येक मतदाता को SIR का फॉर्म भरना अनिवार्य है। चुनाव आयोग से भेजे गए फॉर्म को बूथ के BLO यानी बूथ लेवल ऑफिसर मतदाताओं के घर-घर पहुंचा दे रहे हैं। हर मतदाता को 2 फॉर्म दिया जा रहा है, जिसमें पहले से ही कुछ जानकारियां छपी हुई रह रही हैं।
इनमें से एक फॉर्म भरकर मतदाता अपने पास सुरक्षित रख लेगा और दूसरा वाला फॉर्म BLO वापस लेकर जाएगा। लेकिन इस फॉर्म को भरते समय अगर कोई गलती हो जाती है तो क्या होगा? क्या अन्य किसी फॉर्म की तरह ही गलत जानकारी को काटकर सटीक जानकारी को फॉर्म में भरा जा सकता है? या फिर ऐसा होते ही आपका फॉर्म रद्द हो जाएगा?
आइए जान लेते हैं इस बारे में चुनाव आयोग ने कौन सा दिशा-निर्देश जारी किया है!
अगर फॉर्म में भर दें कोई गलत सूचना
SIR का फॉर्म भरते समय बहुत ही सावधानी बरतने की जरूरत होगी। अगर फॉर्म में गलती से कोई सूचना आपने गलत भर दी है, तो उसे कलम की एक सीधी लकीर बनाते हुए काट दें। इसके बाद उसके ठीक पास में ही साफ और स्पष्ट अक्षरों में सटीक जानकारी को भरे।
ध्यान दें, पुरानी गलत जानकारी को काट कर वहां नई और सही जानकारी भरने के बाद उसके नीचे आपका हस्ताक्षर करना अनिवार्य है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि हर राज्य में मतदाताओं की संख्या (बंगाल में लगभग 7 करोड़ मतदाता हैं) लाखों-करोड़ों में है। इसलिए किसी एक मतदाता का डुप्लीकेट SIR फॉर्म निकालना टेढ़ी खीर साबित हो सकती है।
विशेष टिप्पणी - चुनाव आयोग की सलाह है कि अगर एक फॉर्म में गलतियां ज्यादा हो गयी हो और उन्हें काटना पड़ गया हो वोटर उसे अपने पास ही रख लें। जिस फॉर्म में तुलनात्मक रूप से कम गलतियां हुई हैं, उसे BLO को दे सकते हैं।
गौरतलब है कि 4 नवंबर से घर-घर जाकर SIR फॉर्म भरने का काम शुरू हो गया है। ऑनलाइन फॉर्म भरने का काम भी शुरू हो गया है। फॉर्म भरने का काम 4 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद 9 दिसंबर को मतदाता सूची का मसौदा जारी किया जाएगा।
अगर इस लिस्ट में किसी मतदाता का नाम नहीं आया या लिस्ट को लेकर कोई शिकायत है तो चुनाव आयोग भी उसकी सुनवाई करेगा। ये सभी शिकायतें 9 दिसंबर से 8 जनवरी तक दर्ज कराई जा सकती हैं। वहीं 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक सुनवाई की जाएगी। फाइनल वोटर लिस्ट का 7 फरवरी को जारी कर दिया जाएगा।