करूर में तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) की एक रैली में हुई भगदड़ के लिए अभिनेता और राजनीतिक नेता विजय का नाम एफआईआर में दर्ज किया गया है। एक अखिल भारतीय मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विजय जानबूझकर रैली में देर से पहुंचे और बिना अनुमति के रोड शो किया।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, एफआईआर में कहा गया है कि मथियाझागन जिला सचिव ने 10,000 लोगों के जमावड़े की अनुमति दी थी। लेकिन शनिवार को विजय के आने की खबर सुनकर करूर सभा स्थल पर 25,000 से ज़्यादा लोग जमा हो गए। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि विजय के आगमन में जानबूझकर देरी की गई ताकि भीड़ बढ़े और उनकी लोकप्रियता का प्रदर्शन हो।
एफआईआर में यह भी कहा गया है कि धूप में विजय का इंतज़ार करते-करते हज़ारों लोग थक गए और बीमार पड़ गए। इसके तुरंत बाद भगदड़ में कई लोगों की मौत हो गई। कई लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
इतना ही नहीं, एफआईआर में यह भी कहा गया है कि टीवीके संस्थापक विजय शाम 4.45 बजे वेल्लायुधमपलयम पहुंचे। इसके तुरंत बाद बिना किसी उचित कारण के उनके काफिले की गति धीमी कर दी गई। इतना ही नहीं, अभिनेता-राजनेता ने बिना अनुमति के रोड शो भी किया।
इसके बाद काफिला शाम 7 बजे वेलुचामिपुरम पहुंचा तब तक भीड़ बेकाबू हो चुकी थी। गौरतलब है कि पुलिस अधिकारियों ने इस सभा के खतरों के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने शाम को ही बताया था कि स्थिति बेकाबू हो रही है। इतनी भीड़ में सांस लेना मुश्किल हो सकता है। भीड़ के दबाव से कुछ लोग घायल भी हो सकते हैं लेकिन आयोजकों ने पुलिस की चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद, टीवीके नेता भीड़ को नियंत्रित करने में नाकाम रहे। लोग विजय को देखने के लिए पेड़ों पर चढ़ गए और सड़क किनारे दुकान के शेड पर चढ़ गए। वज़न न सह पाने के कारण शेड ढह गया। शेड के नीचे दबकर कई लोगों की मौत हो गई।
एफआईआर में आगे आरोप लगाया गया है कि टीवी को दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे के बीच बैठक आयोजित करने की अनुमति दी गई थी लेकिन विजय के देर से पहुंचने से प्रशासनिक समस्याएं भी पैदा हुईं।
एफआईआर में पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं के भी नाम हैं। ये हैं जिला सचिव मथियाझागन, राज्य महासचिव बुशी आनंद और राज्य संयुक्त सचिव सीटीआर निर्मल कुमार। उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) अधिनियम की धारा 105, 110, 125 (बी) और 223 तथा तमिलनाडु सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि विजय की जनसभा में मची भगदड़ में 41 लोगों की मौत हो गई थी और 95 घायलों का इलाज चल रहा है।