नयी दिल्ली। महिला, मोदी और मंदिर—इन तीन 'एम' के इर्द-गिर्द प्रचार करें। बांग्लादेशी घुसपैठ, लालू प्रसाद यादव के शासनकाल का 'जंगल राज' और डबल इंजन सरकार के कार्यकाल में हुए विकास को ध्यान में रखें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के भाजपा नेताओं और सांसदों को यही निर्देश दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में बिहार के बेतिया, समस्तीपुर और पटना में पार्टी के शीर्ष नेताओं, कार्यकर्ताओं और सांसदों के साथ तीन बैठकें कीं। पार्टी सूत्रों का दावा है कि शाह ने इन तीनों अहम बैठकों में बिहार चुनाव प्रचार के लिए 'विज़न डॉक्यूमेंट' पेश किया। साथ ही उन्होंने राज्य के सभी प्रखंडों और जिलों में रोजाना पदयात्रा के साथ-साथ बाइक रैलियों के जरिए चुनाव प्रचार करने का भी आदेश दिया।
राष्ट्रीय चुनाव आयोग 30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित करेगा। यह अंतिम सूची मतदाता सूची में गहन संशोधन के बाद तैयार की गई है। इससे पहले, बिहार के 65 लाख लोगों के नाम मसौदा मतदाता सूची से बाहर कर दिए गए थे। इसे लेकर देश भर में विपक्षी दलों ने आयोग के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
देश की सर्वोच्च अदालत में आयोग की कार्रवाई को चुनौती देते हुए एक मामला दायर किया गया है। इस मामले की सुनवाई अभी पूरी नहीं हुई है। सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग पर काफी दबाव है।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जयमाल्य बागची ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर बिहार की अंतिम मतदाता सूची तैयार करने में कोई असंवैधानिक कदम उठाया जाता है तो वे तुरंत हस्तक्षेप करेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बिहार में मतदाताओं के लिए आधार कार्ड को वैध दस्तावेज़ के रूप में स्वीकार किया जाएगा।
ऐसे माहौल में बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जाने पर भाजपा नेताओं, सांसदों और कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर सवालों का सामना करना पड़ेगा - शाह यह बात अच्छी तरह जानते हैं।
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने भाजपा नेताओं, सांसदों और कार्यकर्ताओं को बिहार में बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ का मुद्दा उठाने का निर्देश दिया है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि उन्होंने इस दौरान राहुल गांधी पर निशाना साधने की भी बात कही है। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को यह प्रचार करना होगा कि राहुल और विपक्षी गठबंधन बांग्लादेशी घुसपैठियों को ढाल बनाकर सहानुभूति वोट बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।
महिला-मोदी-मंदिर केंद्रित अभियान की रूपरेखा समझाते हुए, शाह ने सबसे पहले मोदी सरकार के कार्यकाल में महिलाओं के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभों पर प्रकाश डाला।
उनके अनुसार बिहार की आम जनता के सामने सरकारी आंकड़े प्रस्तुत करके महिलाओं के सशक्तिकरण और विकास में डबल इंजन सरकार की भूमिका को समझाना बेहद ज़रूरी है। अगले चरण में उन्होंने देश के 'यशस्वी प्रधानमंत्री' के नेतृत्व को आदर्श बताते हुए एक आक्रामक अभियान चलाने का आदेश दिया। इसी संदर्भ में शाह ने ऑपरेशन सिंदूर की प्रतिक्रिया को भी इसमें शामिल करने का आदेश दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री ने आखिरी चरण में सीतामढ़ी जानकी मंदिर के निर्माण पर ज़ोर दिया। उन्होंने पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और सांसदों के समक्ष दावा किया कि जिस तरह राम मंदिर ने पूरे अयोध्या के समग्र विकास को गति दी है, उसी तरह सीतामढ़ी जानकी मंदिर पूरे बिहार की अर्थव्यवस्था को बदल देगा।