जदयू का बगावत पर एक्शन, पूर्व मंत्री- विधायक और एक एमएलसी सहित 11 नेताओं को पार्टी से निकाला

चुनाव से पहले अनुशासनहीनता पर सख्ती, निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों को पार्टी से निकाला गया

By श्वेता सिंह

Oct 26, 2025 01:03 IST

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा और कड़ा फैसला लिया है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने बगावत के स्वर बुलंद करने वाले 11 नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। निष्कासित नेताओं में चार पूर्व विधायक और एक पूर्व एमएलसी भी शामिल हैं। इनमें पूर्व मंत्री शैलेश कुमार और पूर्व विधायक संजय प्रसाद जैसे नाम भी हैं। राज्य में पहले चरण के लिए 6 नवंबर को मतदान होना है। उससे पहले जदयू का यह कदम पार्टी अनुशासन और एकजुटता को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है।

निर्दलीय चुनाव लड़ने वालों पर गिरी गाज

सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने उन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है जो जदयू प्रत्याशियों के खिलाफ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरे थे। पार्टी नेतृत्व का कहना है कि ऐसे कदमों से संगठन की छवि को नुकसान पहुंच रहा था।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई है, उनके नाम इस प्रकार हैं—

शैलेश कुमार – पूर्व मंत्री, जमालपुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

संजय प्रसाद – पूर्व विधायक, चकाई सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

रणविजय सिंह – पूर्व एमएलसी, बड़हरा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

विवेक शुक्ला – जीरादेई सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

आसमा परवीन – महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

सुदर्शन कुमार – बरबीघा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

श्याम बहादुर सिंह – बड़हरिया सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

लव कुमार – नवीनगर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

दिव्यांशु भारद्वाज – मोतिहारी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

अमर कुमार सिंह – साहेबपुर कमल सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

आशा सुमन – कदवा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार

नीतीश का सख्त संदेश

जदयू नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासनहीनता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी अब केवल उन्हीं नेताओं के साथ आगे बढ़ेगी जो जदयू की विचारधारा, नेतृत्व और नीतियों के प्रति वफादार हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम “डैमेज कंट्रोल” की रणनीति का हिस्सा है। जदयू चुनाव से पहले संगठनात्मक एकता बनाए रखना चाहती है ताकि किसी भी प्रकार की अंदरूनी बगावत से पार्टी को नुकसान न पहुंचे। जदयू ने चुनावी मौसम में यह साफ संकेत दे दिया है कि बगावत करने वालों के लिए पार्टी में कोई जगह नहीं है। नीतीश कुमार के इस फैसले ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है और आने वाले दिनों में इसका असर उम्मीदवारों के समीकरणों पर साफ तौर पर दिख सकता है।

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