इज़राइल के विदेश मंत्री से मुलाकात, जयशंकर ने गाज़ा शांति योजना के प्रति भारत का समर्थन दोहराया

जयशंकर ने कहा कि भारत गाज़ा शांति योजना का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह क्षेत्र में एक स्थायी समाधान का रास्ता बनाएगी।

By डॉ. अभिज्ञात

Nov 04, 2025 16:05 IST

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में इज़राइल के विदेश मंत्री गिडियन सार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने गाज़ा शांति योजना के प्रति भारत के समर्थन की भी पुष्टि करते हुए कहा कि भारत और इज़राइल के बीच के रिश्ते भरोसे और विश्वसनीयता के मजबूत आधार पर बने हैं।

भारत-इज़राइल साझेदारी भरोसे और समर्थन पर आधारितः जयशंकर ने कहा कि भारत और इज़राइल के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है। हमने कठिन समय में एक-दूसरे का साथ दिया है और भरोसे व विश्वसनीयता पर आधारित संबंध बनाए हैं। दोनों देशों के सामने आतंकवाद एक समान चुनौती है। दुनिया को आतंकवाद के प्रति शून्य-सहनशीलता की नीति अपनानी चाहिए।

पश्चिम एशिया की स्थिति पर चर्चाः जयशंकर ने कहा कि भारत पश्चिम एशिया के हालात पर नज़र रखे हुए है। हम बंधकों की वापसी और उन लोगों के शवों की वापसी का स्वागत करते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई। भारत गाज़ा शांति योजना का समर्थन करता है और उम्मीद करता है कि यह क्षेत्र में एक स्थायी समाधान का रास्ता बनाएगी।

दोनों देशों के बीच बढ़ता सहयोगः जयशंकर ने कहा कि इज़राइल के विदेश मंत्री की यह यात्रा दोनों देशों के बीच सहयोग की समीक्षा करने और इसे और गहराई देने का अच्छा अवसर है। हाल ही में द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर इसी दिशा में एक अहम कदम हैं। इज़राइल के कृषि, अर्थव्यवस्था, पर्यटन और वित्त मंत्री हाल के दिनों में भारत का दौरा कर चुके हैं।

भारत की प्रगति और नई संभावनाएँः जयशंकर ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत ने रेलवे, सड़क, बंदरगाह, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्षमताएँ विकसित की हैं। भारतीय उद्योग इज़राइल में निवेश और सहयोग के अवसरों की खोज में रुचि रखते हैं। उन्होंने कृषि और नवाचार के क्षेत्र में भारत-इज़राइल की सफल साझेदारी की भी सराहना की।

प्रौद्योगिकी और कामगारों पर सहयोगः जयशंकर ने बताया कि भारत और इज़राइल के बीच सेमीकंडक्टर और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भी सहयोग जारी है, जो आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गया है। भारत के कई कामगार आज इज़राइल में काम कर रहे हैं। उनके कुछ मुद्दों पर ध्यान देने की ज़रूरत है और उम्मीद है कि इस दिशा में भी दोनों देश मिलकर आगे बढ़ेंगे।

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