प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए GST रेट को ऐतिहासिक कदम बताया है। रविवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, 'सोमवार से बचत का उत्सव शुरू होगा।' उन्होंने देशवासियों को स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आह्वान भी किया। प्रधानमंत्री मोदी का भाषण खत्म होते ही कांग्रेस ने किया पलटवार।
GST सुधार का श्रेय मोदी अकेले लेना चाहते हैं, यह कहकर कांग्रेस ने कटाक्ष किया। पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मोदी असल में पिछले 8 सालों के आर्थिक नुकसान को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।' अखिल भारतीय महासचिव जयराम रमेश ने भारत-चीन व्यापार घाटे का मुद्दा उठाया। उनका आरोप है कि 'व्यापार घाटा 100 बिलियन डॉलर को पार कर गया है। अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है।
इस दिन पीएम मोदी ने19 मिनट के भाषण में मुख्य रूप से GST सुधार के फायदे समझाने की कोशिश की। 22 सितंबर से नई GST दरें लागू होंगी। प्रधानमंत्री का दावा है कि इससे आम आदमी पर आर्थिक बोझ कम होगा। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भर भारत की बात भी की।
जयराम का दावा है कि यह सब खोखला शोर है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में ग्रोथ सप्रेसिंग टैक्स है। छोटे और मध्यम उद्योगों का कोई समाधान नहीं हुआ है। सहयोगात्मक संघीय व्यवस्था में राज्यों के मुआवजे की अवधि और पांच साल बढ़ानी चाहिए थी।
X पोस्ट में GST को गब्बर सिंह टैक्स कहकर व्यंग्य करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा, '9 अलग-अलग स्लैब में बांटकर आठ साल में 55 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा वसूल किए हैं। अब आप 2.5 लाख करोड़ रुपये के 'सेविंग्स फेस्टिवल' की बात कर रहे हैं। असल में जनता के गहरे घाव पर बैंड-एड लगाने की कोशिश कर रहे हैं।'
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार को जनता से माफी मांगनी चाहिए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आपने किताब, पेंसिल, चावल, दाल पर भी GST लगाया है। यह बात आम जनता कभी नहीं भूलेगी। अब आप GST दरें कम करने का श्रेय ले रहे हैं, लेकिन आप ही ने उच्च दर पर GST लगाया था। अब श्रेय लेंगे तो जिम्मेदारी भी आपको लेनी होगी।