नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को यूके स्थित रक्षा कारोबारी संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी दूसरी पूरक अभियोजन शिकायत दर्ज की, जिसमें व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा को आधिकारिक रूप से अभियुक्त के रूप में नामित किया गया।
वाड्रा को इस मामले में 2019 में दिल्ली कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है। रिपोर्ट्स के अनुसार वाड्रा की भूमिका संजय भंडारी की व्यापक जांच के हिस्से के रूप में जांच के दायरे में आई है। भंडारी पर कथित रूप से संदिग्ध वित्तीय लेन-देन को सुविधाजनक बनाने और इससे लाभ प्राप्त करने का आरोप है। वाड्रा ने इस वर्ष जुलाई में एजेंसी के समक्ष पेश होकर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत अपना बयान दर्ज कराया।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार वाड्रा तीन अलग-अलग मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में ED की जांच के दायरे में हैं, जिनमें से दो मामले भूमि लेन-देन में कथित अनियमितताओं से संबंधित हैं। एजेंसी यह जांच कर रही है कि क्या इन लेन-देन से उत्पन्न धनराशि को भंडारी से जुड़ी विदेशी संस्थाओं के माध्यम से रूट किया गया। संजय भंडारी को वाड्रा का परिचित माना जाता है। भंडारी 2016 में दिल्ली में उनके परिसरों पर आयकर विभाग द्वारा छापे के तुरंत बाद लंदन भाग गए थे। हाल ही में उन्हें दिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी" (FEO) घोषित किया। हालांकि भंडारी ने इस आदेश के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी। अगस्त में उच्च न्यायालय ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018 के तहत ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया।