दिल्ली-कोलकाता हाइवे पर भारी यातायात जाम, चार दिन से रुकी पड़ी हैं गाड़ियां

विभिन्न स्थानों पर छह लेन के निर्माणकारी संस्था द्वारा निर्मित डायवर्जन और सर्विस लेन बाढ़ में डूब गए हैं। उसके साथ सड़क पर जल भराव के साथ बड़े बड़े गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। इसी वजह से घंटों से गाड़ियों की कतार लगी हुई है।

By कौशिक दत्त, Posted by डॉ.अभिज्ञात

Oct 08, 2025 18:47 IST

नयी दिल्लीः वैसे ही सड़क खराब है। उपर से बारिश। इन दोनों कारणों से दिल्ली-कोलकाता हाइवे पर भारी यातायात जाम है। गाड़ियां रुकी हुई हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर पिछले चार दिन से गाड़ियां फंसी हुई हैं। ड्राइवरों का दावा है कि थोड़ा सा रास्ता आगे बढ़ने में उन्हें कई घंटे समय लग रहा है। कब इस जाम से छुटकारा मिलेगा यह उन्हें पता नहीं है।

सड़क की हालत खराब है। उसके ऊपर पिछले शुक्रवार बिहार के रोहतास जिले में भारी बारिश के बाद 19 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थिति और खराब हो गई है। विभिन्न स्थानों पर छह लेन के निर्माणकारी संस्था द्वारा निर्मित डायवर्जन और सर्विस लेन बाढ़ में डूब गए हैं। उसके साथ सड़क पर जल भराव के साथ बड़े बड़े गड्ढे दिखाई दे रहे हैं। इसी वजह से घंटों से गाड़ियों की कतार लगी हुई है। ड्राइवर बताते हैं कि इसके कारण गाड़ियों की गति बहुत धीमी है। कछुए की गति से गाड़ी आगे बढ़ रही है।

रोहतास से औरंगाबाद तक लगभग 65 किलोमीटर सड़क पर स्थिति बहुत खराब है। एक ड्राइवर ने बताया है कि स्थिति ऐसी है कि पिछले 24 घंटे में सिर्फ 5 किलोमीटर सड़क आगे बढ़ सके हैं। प्रवीण सिंह नाम के एक ट्रक ड्राइवर ने बताया है कि 7 किलोमीटर सड़क आगे बढ़ने में उन्हें लगभग 30 घंटे का समय लगा है। संजय सिंह नाम के एक और ट्रक ड्राइवर ने बताया है कि दो दिन से उस जाम में फंसे हुए हैं। अब खाने और पानी की समस्या होने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है।

इसका प्रभाव व्यापार पर भी पड़ रहा है। ड्राइवरों ने बताया है कि उनमें से कई के गाड़ियों में कच्चा माल और सब्जियां हैं। वहां फंसे रहने के कारण वे सभी चीजें भी खराब हो रही हैं। जाम के कारण एम्बुलेंस भी समस्या का सामना कर रही है।

हालांकि इस बारे में वहां के राष्ट्रीय राजमार्ग के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी नहीं कहना चाहते। उल्लेखनीय है कि दिल्ली-कोलकाता को जोड़ने वाला यह राष्ट्रीय राजमार्ग व्यापार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा से डानकुनी तक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल, इन प्रमुख राज्यों से होकर गुजरता है।

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