दिल्ली धमाके के तार फरीदाबाद में पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी मॉड्यूल से जुड़ा हुए!

By डॉ. अभिज्ञात

Nov 12, 2025 11:37 IST

नई दिल्ली: दिल्ली धमाके की कड़ियाँ श्रीनगर के नौगाम इलाके में लगाए गए आपत्तिजनक पोस्टरों से जुड़ी हैं, जिनके संबंध में 19 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की गई थी। सुरक्षा बलों ने इस आतंकी साजिश से जुड़े अंतरराज्यीय जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए सख्त कार्रवाई की। इस मामले की जांच के दौरान 20 से 27 अक्टूबर के बीच शोपियां और गांदरबल से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया और 5 नवंबर को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से डॉ. आदिल नामक एक चिकित्सक को पकड़ा गया।

सूत्रों ने कहा कि दो दिन बाद अनंतनाग के एक अस्पताल से एक एके-56 राइफल और अन्य गोला-बारूद जब्त किया गया। इसके बाद फरीदाबाद से और हथियार, पिस्तौलें व विस्फोटक बरामद किए गए। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने इस मॉड्यूल में शामिल अन्य लोगों के नाम बताए। इन सुरागों के आधार पर अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद के डॉक्ट मुझम्मिल को गिरफ्तार किया गया। आगे की कार्रवाई में और गिरफ्तारियाँ हुईं तथा बड़ी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए।

9 नवंबर को मद्रासी नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जो फरीदाबाद के धौज इलाके का निवासी है। अगले दिन फरीदाबाद के धेरा कॉलोनी में अल-फलाह मस्जिद के इमाम और मेवात निवासी हफीज मोहम्मद इश्तियाक के घर से 2,563 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। इसके बाद की छापेमारियों में अतिरिक्त 358 किलोग्राम विस्फोटक, डेटोनेटर और टाइमर बरामद हुए। कुल मिलाकर इस मॉड्यूल से लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक और बम बनाने का उपकरण जब्त किया गया।

सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि इस मॉड्यूल से जुड़ा उमर सुरक्षा एजेंसियों के दबाव में आने के बाद बार-बार अपना ठिकाना बदल रहा था। वह अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक के रूप में काम करता था। सीसीटीवी फुटेज के अनुसार जिस कार में लाल किला विस्फोट हुआ, उसे उमर ही चला रहा था। धमाके में वही विस्फोटक इस्तेमाल हुआ, जो फरीदाबाद में जब्त किए गए लगभग 3,000 किलोग्राम सामग्री में से एक ही प्रकार का था। सूत्रों ने कहा कि यह विस्फोट पहले से योजना बनाकर किया गया था या गलती से हुआ, यह जांच के बाद स्पष्ट होगा।

सुरक्षा एजेंसियों और खुफिया नेटवर्क ने सफलतापूर्वक इस फरीदाबाद मॉड्यूल को नष्ट कर दिया, बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए और देश में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने की साजिश को विफल किया। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों की सफल कार्रवाई से घबराकर उमर भाग गया था और उसकी घबराहट व हड़बड़ी ही शायद लाल किला धमाके का कारण बनी। यह जानबूझकर हुआ या गलती से, यह जांच में सामने आएगा, लेकिन इतना तय है कि यह धमाका उसी घटनाक्रम की एक कड़ी था, जिसमें बड़े आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश हुआ और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए गए।

जैसे ही मंगलवार को धमाके की खबर आई, दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ तुरंत मौके पर पहुंचीं। गृह मंत्री अमित शाह ने तत्काल एनएसजी, एनआईए और फॉरेंसिक टीमों को घटनास्थल पर भेजने के निर्देश दिए। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया और विस्फोट में इस्तेमाल गाड़ी की मालिकाना जानकारी की पुष्टि की गई। घटनास्थल से डीएनए, विस्फोटक और अन्य नमूने एकत्र किए गए हैं और उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है।

Prev Article
दिल्ली के लाल क़िले के पास हुए विस्फोट मामले में केन्द्र सरकार पर विपक्ष हमलावर
Next Article
Red Fort Blast: हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी के दो डॉक्टर समेत तीन हिरासत में, विश्वविद्यालय पर दो FIR दर्ज

Articles you may like: