नयी दिल्लीः हुंडई i20 कार की ड्राइवर सीट पर डॉक्टर उमर उन नबी बैठा था। यह बात सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दी थी। प्रारंभिक जांच में यह अनुमान लगाया गया था कि धमाके के समय भी स्टीयरिंग उसी के हाथ में था। वह अनुमान अब सच साबित हुआ। गुरुवार तड़के जांचकर्ताओं के हाथ डीएनए रिपोर्ट लगी, जिसमें पुष्टि की गई कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए भीषण विस्फोट को उमर ने ही अंजाम दिया। वह आत्मघाती हमलावर था। धमाके में उसका शरीर पूरी तरह नष्ट हो गया था, इसलिए शुरू में पहचान नहीं हो सकी थी।
भयावह धमाकाः मालूम हो कि पिछले सोमवार लालकिला मेट्रो स्टेशन के पास हुए इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत हुई थी, हालांकि सरकारी आंकड़ों में मृतकों की संख्या 8 बताई गई है। करीब 27 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 22 गाड़ियाँ आग की चपेट में आ गईं। पूरा इलाका जोरदार धमाके से हिल गया। कई दुकानों की खिड़कियाँ टूट गईं, कई घरों को नुकसान पहुँचा। राजधानी के घनी आबादी वाले क्षेत्र में भय और दहशत फैल गई।
उमर पर पहले से था शकः जांचकर्ताओं को शुरू से ही शक था कि हमला डॉ. उमर उन नबी ने किया है, लेकिन वे पक्के सबूत नहीं जुटा पा रहे थे। घटना के बाद पुलिस ने उमर के माता-पिता और दो भाइयों को हिरासत में लिया। उसकी माँ के डीएनए का मिलान विस्फोट स्थल से मिले मानव अवशेषों से किया गया। रिपोर्ट बुधवार आधी रात को आई और इससे पुष्टि हुई कि धमाके के समय कार चला रहा व्यक्ति उमर ही था।
जैश-ए-मोहम्मद से संबंधः जांच में खुलासा हुआ कि उमर पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की लॉजिस्टिक टीम का सदस्य था। यह समूह फरीदाबाद, लखनऊ और कश्मीर में सक्रिय था। इस नेटवर्क में लगभग 9-10 लोग शामिल थे, जिनमें ज्यादातर डॉक्टर हैं। अपनी चिकित्सक पहचान का फायदा उठाकर वे विस्फोटक और रसायन जुटाते थे। लेकिन जब फरीदाबाद के एक गोदाम से 2,900 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ तो उमर घबरा गया और फौरन फरार हो गया और उसने फोन बंद कर दिया।
धमाके से पहले की गतिविधियाँः जांच में सामने आया कि 28 अक्टूबर को उमर ने फरीदाबाद के कार डीलर सोनू से हुंडई i20 कार खरीदी थी। इसके बाद वह कार लेकर प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र केंद्र भी गया। रॉयल कार जोन कॉम्प्लेक्स के पास की सीसीटीवी फुटेज में यह सब दर्ज है, जिसमें सोनू भी मौजूद था। उसके बाद उमर कार लेकर अल फलाह मेडिकल कॉलेज गया, जहां वह डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। वहीँ कार पार्क की गई थी। घटना के दिन कार को कनॉट प्लेस और मयूर विहार सहित कई जगहों पर देखा गया। दोपहर 3:19 बजे वह सुनहरी मस्जिद पहुँचा और शाम 6:30 बजे तक वहीं रुका। इसके बाद वह नेताजी सुभाष मार्ग की ओर निकला। 6:52 बजे, लाल किले के पास जाम में फँसी कार में धमाका हुआ।
जांच अब NIA के हवालेः मामले की जांच अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई है। अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वर्तमान में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, जम्मू-कश्मीर पुलिस और उत्तर प्रदेश एटीएस देशभर में संयुक्त अभियान चला रहे हैं। उनका लक्ष्य है-फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़े बाकी आतंकियों को पकड़ना। अब तक डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई, ताजमुल अहमद मलिक और शाहीन शाहिद नामक एक महिला को गिरफ्तार किया गया है।