नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने दिल्ली धमाके के मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी से जुड़े होने के संदेह में एक लाल रंग की फोर्ड EcoSport कार के लिए अलर्ट जारी किया है। यह वाहन उमर उन नबी के नाम पर पंजीकृत है। दिल्ली पुलिस ने इस कार का विवरण उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस के साथ भी साझा किया है।
संदिग्धों के पास Hyundai i20 के अलावा एक और कार थीः पुलिस के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी के सभी थाने, चौकियां और सीमा जांच पोस्टों को लाल रंग की Ford EcoSport कार की खोज और निगरानी के लिए सतर्क कर दिया गया है। जांच में सामने आया कि संदिग्धों के पास Hyundai i20 के अलावा एक और कार भी थी। दिल्ली पुलिस की पांच टीमें इस कार की तलाश में जुटी हुई हैं।
एनआईए की संभावित जांचः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) दिल्ली कार धमाका मामले में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) मॉड्यूल की संलिप्तता की जांच के तहत फरीदाबाद के धौज स्थित अल-फलाह मेडिकल कॉलेज का दौरा कर सकती है।
डीएनए सैंपल की जांचः दिल्ली धमाके में शामिल संदिग्ध डॉ. उमर नबी की मां और भाई के डीएनए सैंपल लिए गए हैं और आगे की जांच के लिए AIIMS फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं। इन सैंपलों की तुलना दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में रखे गए शवों के अवशेषों से की जाएगी। AIIMS दिल्ली के फॉरेंसिक मेडिसिन प्रमुख डॉ. सुधीर गुप्ता ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि डीएनए प्रोफाइलिंग मानव पहचान में एक शक्तिशाली उपकरण है, जिससे किसी व्यक्ति को जैविक सैंपल के साथ मिलाया जा सकता है। यह अपराध जांच, आपदा पीड़ित पहचान और पितृत्व परीक्षण जैसे मामलों में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कार की ट्रैकिंगः सूत्रों के अनुसार, डॉ. उमर को i20 कार के साथ मुंबई एक्सप्रेसवे और कुंडली-मनसार-पालवल एक्सप्रेसवे पर भी देखा गया था, जिसके बाद वह दिल्ली की ओर बढ़ रहे थे। जांच एजेंसियां वाहन की गति और मार्ग की छानबीन कर रही हैं।
एनआईए की टीमः एनआईए ने हालिया दिल्ली कार धमाके की जांच के लिए समर्पित और व्यापक जांच टीम गठित की है। यह टीम वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काम करेगी और मामले की गहन और समन्वित जांच सुनिश्चित करेगी।
पुलिस ने लाल कार से जुड़े न्यू सीलमपुर पते पर की दबिशः इस बीच दिल्ली पुलिस ने बुधवार को पूर्वोत्तर दिल्ली के न्यू सीलमपुर के एक पते पर पहुंची। पुलिस यह पता चला है कि लाल रंग की Ford EcoSport कार उस पते पर पंजीकृत है। टीम ने तुरंत उस स्थान का दौरा कर वाहन के स्वामित्व का सत्यापन किया क्योंकि रिकॉर्ड में कार डॉ. उमर उन नबी के नाम पर पंजीकृत दिखाई दे रही थी। जांचकर्ताओं को संदेह है कि कार खरीदने में फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया गया हो सकता है।