'देश से आतंकवादियों का सफाया करो', तालिबान सरकार के मंत्री ने भारत से पाकिस्तान पर निशाना साधा

तालिबान सरकार के विदेश मंत्री ने काबुल में हुए हालिया विस्फोट के लिए पाकिस्तान पर उंगली उठाई है।

By Kaushik Bhattacharya, Posted by: Shweta Singh

Oct 11, 2025 09:00 IST

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने भारत की धरती पर पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने साफ किया कि तालिबान सरकार किसी भी चरमपंथी को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने यह भी दावा किया कि अफगानिस्तान अब बदल गया है।

2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से यह पहली बार है जब नई अफगान सरकार के किसी वरिष्ठ मंत्री ने भारत का दौरा किया है। मुत्तकी गुरुवार को नई दिल्ली पहुंचे। उसी दिन बाद में उन्होंने नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की।

एक समय अफगानिस्तान की धरती पर लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन सक्रिय थे। हालांकि तालिबान सरकार के सत्ता में आने के बाद मुत्तकी ने दावा किया कि इन आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है।

जयशंकर से मुलाकात के बाद मुत्तकी ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, "आज अफगानिस्तान में कोई आतंकवादी नहीं है। दूसरे देशों को भी आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। अगर हम शांति चाहते हैं तो इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।"

तालिबान सरकार के विदेश मंत्री ने काबुल में हुए हालिया विस्फोट के लिए पाकिस्तान पर उंगली उठाई। उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा, "विस्फोट सीमा के पास एक सुदूर इलाके में हुआ। हमें लगता है कि पाकिस्तान का यह कदम गलत है। 40 साल बाद अफगानिस्तान शांति और समृद्धि की राह पर चल रहा है। हम आजाद हैं। आपको इस पर आपत्ति क्यों है?"

इसके बाद मुत्तकी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी। उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, "हमारे धैर्य की परीक्षा मत लो। सोवियत संघ, अमेरिका या नाटो से पूछो, अफगानिस्तान के साथ खेलने से अच्छे नतीजे नहीं मिलेंगे।"

इस बीच भारत काबुल में अपने दूतावास को फिर से खोलने जा रहा है। जयशंकर ने कहा कि तकनीकी मिशन को पूर्ण विकसित सरकारी दूतावास में अपग्रेड किया जाएगा। नई दिल्ली ने अभी तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है। दूतावास भी 2021 से यानी तालिबान के सत्ता में आने के बाद से बंद है। हालांकि पिछले कुछ महीनों में संबंधों में प्रगाढ़ता आई है। जानकार हलकों का एक वर्ग मानता है कि तालिबान सरकार के एक मंत्री की यह टिप्पणी एक नए रिश्ते का संकेत देती है।

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