कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने बिना किसी का नाम लिए ही नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना माचादोर के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी से तुलना कर डाली है। अपने X हैंडल पर उन्होंने एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा है, 'राहुल भी लोकतंत्र के लिए लड़ाई कर रहे हैं।' राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि भले ही कांग्रेस प्रवक्ता ने सीधे तौर पर नहीं कहा है लेकिन उन्होंने इशारों में ही राहुल गांधी के लिए नोबेल शांति पुरस्कार की मांग कर डाली है।
अपने X हैंडल पर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मारिया कोरिना माचादोर को लेकर सुरेंद्र राजपूत ने कई पोस्ट किए हैं। उनमें से एक पोस्ट में उन्होंने मारिया और राहुल गांधी की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है, 'संविधान की रक्षा के लिए वेनेजुएला की विरोधी पार्टी की नेता को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। भारत में विरोधी पार्टी के नेता राहुल गांधी भी देश के संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई कर रहे हैं।'
गौरतलब है कि वेनेजुएला में एकनायकतंत्र के खिलाफ माचादो ने लगातार अपनी लड़ाई जारी रखी थी। शुरुआत से ही वह प्रजातंत्र के पक्ष में रही हैं। बताया जाता है कि कई बार उन्हें धमकियां भी मिली लेकिन वह झुकी नहीं। बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से लगातार अपना विरोध जारी रखा। इस वजह से ही नोबेल कमेटी ने उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला लिया।
कांग्रेस प्रवक्ता का दावा है कि राहुल गांधी ने भी उसी प्रकार से स्वेच्छाचारी एनडीए (NDA) सरकार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखी है। वोट चोरी, बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, अल्पसंख्यकों के अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे विषयों को लेकर राहुल गांधी ने अपनी आवाज उठायी है। विरोधी शिविर में राहुल गांधी के नेतृत्व में ही इंडिया गठबंधन तैयार हुआ है जिसमें सभी साथ मिलकर एनडीए सरकार के खिलाफ लड़ रहे हैं।
विरोधियों का दावा है कि एनडीए सरकार के शासनकाल में भारत में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्य पूरी तरह से खत्म होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। राहुल गांधी उसी लोकतांत्रिक मूल्य को बनाए रखने और संविधान की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई चला रहे हैं।