जरा सी देर हो जाती तो आंध्र प्रदेश के कर्नूल के दुर्भाग्यपूर्ण यात्रियों की तरह ही मुंबई हाईवे पर दुर्घटना से घिरे बस यात्रियों का भी वही हश्र होता। सूत्रों के मुताबिक, सिर्फ चालक की त्वरित सूझबूझ और तेजी से लिए गए फैसले की वजह से 45 बस यात्रियों की जान बच गई। घटना सोमवार आधी रात को ग्वालियर के मुरैना जिले की सीमा पर हुई।
मुंबई हाईवे पर गुरुग्राम से मध्यप्रदेश के पन्ना जा रही यात्री बस में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते UP93 CT-6747 नंबर की बस धधक उठी। जानकारी मिली है कि चलती बस में पिछले टायर के पास आग की चिनगारी चालक की नजर में आई। अनुभवी चालक ने तुरंत खतरे को भांपकर यात्रियों को सावधान किया।
सामने पेट्रोल पंप होने के कारण चालक ने उससे दूरी रखते हुए बस को सड़क किनारे रोक दिया। इसके साथ ही युद्धस्तर पर सभी यात्रियों को जगा कर बस से बाहर निकलने को कहा। देर रात होने की वजह से अधिकतर यात्री सो रहे थे। चालक की चेतावनी सुनकर पहले तो कई लोग समझ नहीं पाए, लेकिन चालक सभी यात्रियों को सुरक्षित बस से बाहर ले आया।
बस के बाहर आने पर यात्रियों ने देखा कि तब तक पीछे के पहिए में आग भड़क चुकी थी। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 20 मिनट से भी कम समय में आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया और बस जलकर राख हो गई। प्रारंभिक जांच में अनुमान लगाया गया है कि बस में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी।
साहसी चालक का नाम अनिल शर्मा बताया गया है। उन्होंने कहा, “आग की चिंगारी देखते ही समझ गया था कि समय बहुत कम है। मैंने चिल्लाकर सभी से कहा कि जल्दी बस छोड़ दें — एक सेकंड से भी कम समय है। बस में ज्यादातर महिलाएं थीं। कई बच्चे भी थे। सभी सुरक्षित हैं, यही सबसे बड़ी राहत है।”
यात्रियों ने अपनी जान बचाने का पूरा श्रेय चालक को दिया है। घटना की खबर मिलते ही स्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई। पुलिस के अनुसार, आग में यात्रियों का कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स समेत कई हजार रुपये मूल्य का सामान जल गया।
करीब एक महीने पहले आंध्र प्रदेश के कर्नूल में हुई भयावह बस दुर्घटना की याद इस घटना से ताजा हो गई। चलती बस में आग लगने से चालक, सहायक सहित कुल 42 यात्रियों की मौत हो गई थी।