नई दिल्ली: दिल्ली में लाल क़िले के पास हुए घातक कार धमाके की जांच में एक नए सुराग के आधार पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने फरीदाबाद के एक निवासी को गिरफ्तार किया है। उस पर 10 नवंबर को हुई आतंकी वारदात से ठीक पहले आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी को पनाह देने का आरोप है। अभियुक्त की पहचान हरियाणा के फरीदाबाद स्थित धौज के रहने वाले सोयब के रूप में हुई है। यह इस मामले में गिरफ्तार किया गया सातवां व्यक्ति है, जो हुंडई i20 कार में हुए उस भीषण विस्फोट से जुड़ा है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। यह हाल के वर्षों में राष्ट्रीय राजधानी में हुए सबसे गंभीर आतंकी हमलों में से एक है।
NIA के अनुसार, गिरफ्तार अभियुक्त ने केवल उमर को शरण ही नहीं दी, बल्कि हमले से पहले उसकी आवाजाही के लिए आवश्यक लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की। यह कार्रवाई मामले की जांच के दौरान उमर से जुड़े छह अन्य प्रमुख सहयोगियों की पहले की गई गिरफ्तारी के बाद हुई है। इस ताज़ा गिरफ्तारी से एजेंसी की समझ हमले के पीछे काम कर रहे पूरे नेटवर्क के बारे में और मजबूत हुई है। NIA कई राज्यों में स्थानीय पुलिस की मदद से छापेमारी कर रही है और हमले की साजिश में शामिल अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। एजेंसी का प्रयास इस नेटवर्क को पूरी तरह बेनकाब और ध्वस्त करने पर केंद्रित है।
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में एजेंसी ने दिल्ली कार विस्फोट के मामले में छह मुख्य अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। 20 नवंबर को एजेंसी ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के डॉ. मुज़म्मिल शकील गनी, अनंतनाग के डॉ. अदील अहमद राठर, लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद और शोपियां के मुफ्ती इरफान अहमद वागे को गिरफ्तार किया था। इन्हें पटियाला हाउस कोर्ट के जिला सत्र न्यायाधीश द्वारा जारी प्रोडक्शन वारंट पर श्रीनगर में NIA की हिरासत में लिया गया। उन्होंने इस हमले में अहम भूमिका निभाई थी, जिसमें कई निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी और कई घायल हुए थे।
तेजी से जांच आगे बढ़ाते हुए NIA ने इससे पहले दो और अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था जिनमें अमीर राशिद अली और जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश शामिल हैं। अमीर के नाम पर विस्फोट में इस्तेमाल की गई कार रजिस्टर्ड थी जबकि जासिर ने हमलावर को तकनीकी सहायता प्रदान की थी। सातवें अभियुक्त का सामना पहले से गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों से कराया जाएगा।