नयी दिल्लीः भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच करना ही उनका काम है। इधर-उधर दौड़ना पड़ता है। इसलिए गाड़ी चाहिए। लेकिन कोई सामान्य गाड़ी नहीं चलेगी। उन्हें बीएमडबल्यू (BMW) चाहिए। 70 लाख रुपये कीमत वाली 7 BMW गाड़ियों के लिए लोकपाल ने टेंडर जारी किया है। CNN-NEWS18 की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है। मामला सामने आते ही देश भर में हंगामा मच गया है।
CNN-NEWS18 के अनुसार, भ्रष्टाचार-रोधी संस्था लोकपाल ने BMW 3 सीरीज की 330Li मॉडल की गाड़ियाँ खरीदने के लिए टेंडर निकाला है। हर गाड़ी की ऑन-रोड कीमत 70 लाख रुपये बताई गई है। यानी सात गाड़ियों की कुल कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है। इन गाड़ियों को 30 दिनों के भीतर दिल्ली के वसंत कुंज इंस्टिट्यूशनल एरिया स्थित कार्यालय में पहुंचाने को कहा गया है।
फिलहाल लोकपाल के पास 7 सदस्य हैं। इनमें एक चेयरमैन हैं और बाकी छह सामान्य सदस्य। टेंडर भी 7 गाड़ियों के लिए ही निकाला गया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या हर सदस्य के लिए एक-एक गाड़ी खरीदी जा रही है? टेंडर में गाड़ियों का रंग भी तय किया गया है। सभी 7 BMW गाड़ियां सफेद रंग की होनी चाहिए।
BMW की वेबसाइट के अनुसार, भारत में इस साल ही 3 सीरीज का लॉन्ग व्हीलबेस मॉडल लॉन्च हुआ है। इस श्रेणी की ये सबसे लंबी गाड़ियां हैं। साथ ही यह काफी लग्जरी भी हैं। पीछे की सीटों पर काफी जगह दी गई है। BMW की वेबसाइट पर भी इन गाड़ियों को 'रियर सीट लग्जरी कार' बताया गया है।
उल्लेखनीय है कि लोकपाल पर चर्चा 1963 से ही चल रही थी, लेकिन विभिन्न कारणों से यह टलती रही। समाजसेवी अण्णा हज़ारे के आंदोलन के बाद 2013 में लोकपाल बिल पास हुआ। इसका काम सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच करना है। लोकपाल के चेयरमैन का वेतन और भत्ता सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के बराबर होता है। बाकी सदस्यों को भी सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के समान वेतन और भत्ते मिलते हैं।