नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन (आरडीआई) योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपये के फंड का उद्घाटन किया। यह योजना 2024-25 के अंतरिम बजट में पहले से घोषित थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि यह फंड लंबे समय तक ऋण या पुनर्वित्तपोषण के रूप में मिलेगा और इसमें ब्याज बहुत कम या शून्य होगा। इसका मकसद निजी कंपनियों को नए क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
प्रधानमंत्री का संदेशः 'उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सम्मेलन 2025’ (Emerging Science, Technology and Innovation Conclave 2025 ) में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब विज्ञान बड़े पैमाने पर काम आता है, नवाचार सभी के लिए होता है और तकनीक बदलाव लाती है, तभी बड़ी उपलब्धियाँ संभव होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में नवाचार के लिए आधुनिक माहौल बनाया जा रहा है।
योजना का ढांचा और मददः आरडीआई योजना की कुल राशि 1 लाख करोड़ रुपये है। इसमें वित्तवर्ष 2025-26 के लिए 20,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। यह फंड लंबे समय के ऋण, निवेश और डीप-टेक फंड में योगदान के रूप में दिया जाएगा। इस योजना में छोटे अनुदान या अल्पकालिक ऋण शामिल नहीं हैं।
महिलाओं की भागीदारी बढ़ीः मोदी ने कहा कि एक दशक पहले भारत में महिलाओं द्वारा दायर किए गए पेटेंट सालाना 100 से कम थे, लेकिन अब यह 5,000 से ज्यादा हो गए हैं। भारत में विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित की पढ़ाई करने वाली महिलाओं की संख्या बहुत है। हर 100 छात्रों में करीब 43 महिलाएँ हैं। यह दुनिया के औसत से ज्यादा है।