एक तरफ टैरिफ को लेकर समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। दूसरी तरफ व्यापारिक समझौता टूटने के कगार पर पहुंच चुका है। कुल मिलाकर भारत-अमेरिका के बीच के रिश्ते उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। ऐसी स्थिति में ही विदेशमंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) के साथ अमेरिकी राजनयिक सर्जियो गर (Sergio Gor) ने बैठक की।
6 दिनों के दौरे पर सर्जियो गर भारत आए हुए हैं। शनिवार को नई दिल्ली में जयशंकर के साथ उन्होंने बैठक की। इस दौरान सर्जियो के साथ प्रबंधन एवं मानव संसाधन विभाग के उप सचिव माइकल जे. रिगास भी मौजूद रहे। इस बैठक को दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में गति लाने की दिशा में उठाए गए कदम के रूप में देखा जा रहा है।
टैरिफ और द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते का न होना ही भारत और अमेरिका के रिश्तों में आयी खटास की प्रमुख वजह मानी जा रही है। द्विपक्षीय व्यापारिक समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच कई दफा बातचीत भी हो चुकी है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियुष गोयल अमेरिका के दौरे पर भी गए थे। इसके साथ ही रुस से तेल खरीदने की बात से भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप कम खफा नहीं हैं। भारतीय उत्पादों पर उन्होंने 50 फीसदी टैरिफ लगाया है। इसके बावजूद भारत ने रुस से कच्चा तेल खरीदना बंद नहीं किया।
सर्जियो चाहते हैं कि इस समस्या का समाधान हो। उनका मानना है कि अगर नई दिल्ली, अमेरिका से तेल व पेट्रोलियम उत्पाद खरीदना शुरू कर देता है, तो काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो जाएगा। इसी उद्देश्य से वह भारत के साथ बातचीत भी कर रहे हैं।
हालांकि बैठक खत्म होने के बाद सर्जियो के साथ किन मुद्दों पर चर्चा हुई, इस बारे में जयशंकर ने कुछ नहीं बताया है। उन्होंने सिर्फ अपने X हैंडल पर एक पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, 'भारत-अमेरिका के रिश्तों और अंतर्राष्ट्रीय महत्व को लेकर बातचीत हुई।' गौरतलब है कि सर्जियो राजदूत होने वाले हैं। उन्हें मनोनीत किया गया है। हालांकि अभी तक उन्होंने नई जिम्मेदारी नहीं संभाली है। इस मामले को लेकर ही अमेरिका की तरफ से दो टूक कहा गया है, 'परिचय के लिए भारत का संक्षिप्त दौरा।'