बेंगलुरुः जेल के भीतर कुख्यात अपराधी आराम से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इंटरनेट सर्फिंग और अन्य डिजिटल गतिविधियाँ बिना किसी रोक-टोक के चल रही हैं। चाहें तो वे टीवी का आनंद भी बिना किसी बाधा के ले सकते हैं। यह चौंकाने वाला आरोप बेंगलुरु के पारप्पना अग्रहारा केंद्रीय सुधारगृह पर लगा है। जेल के अंदर गुप्त कैमरों से खींची गई तस्वीरों में सुरक्षा में बड़ी चूक पकड़ी गई है।
इस जेल में पाकिस्तानी आतंकी संदिग्ध से लेकर सीरियल किलर और बलात्कारी जैसे गंभीर अपराधी बंद हैं। वहाँ की सुरक्षा की तस्वीरें देखकर किसी की भी आँखें फटी रह जाती हैं। सामने आए वीडियो में दिखाया गया है कि आईएसआईएस के आतंकी भर्तीकर्ता ज़ुहैब हमीद उर्फ़ शकील मन्ना जेल में बैठकर बिना किसी रोक-टोक के मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा है। वह बेफिक्र होकर फोन स्क्रॉल कर रहा है, चाय पी रहा है और किसी से बातचीत भी कर रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की रिपोर्ट के अनुसार जुहैब मन्ना ने अन्य षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर कुरान सर्कल ग्रुप के माध्यम से मुस्लिम युवकों के लिए फंड इकट्ठा किया और उन्हें कट्टरपंथी बनाया। इसके बाद उन्हें भर्ती कर अवैध रूप से सीरिया भेजा गया ताकि वे आईएसआईएस में शामिल हो सकें। ऐसे अपराधी के हाथ में जेल के भीतर मोबाइल फोन होना देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत है।
एक अन्य क्लिप में बलात्कार और हत्या के 18 से अधिक मामलों में अभियुक्त उमेश रेड्डी को कारागार के भीतर दो एंड्रॉयड फोन और एक कीपैड फोन इस्तेमाल करते देखा गया। आरोप है कि जेल कर्मचारी इस बारे में जानते थे। वीडियो में उसकी बैरक में एक टीवी सेट भी दिखाई दिया।
वीडियो सामने आने के बाद व्यापक हड़कंप मच गया। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने घटनाओं की जांच कर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। जेल विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है। अधिकारी अब यह पता लगा रहे हैं कि इस हाई-सिक्योरिटी कारागार में मोबाइल फोन कैसे पहुंचे, इन्हें किसने सप्लाई किया, वीडियो कब रिकॉर्ड किए गए और इसे मीडिया में किसने लीक किया।
केंद्रीय कारागार के मुख्य अधीक्षक को पारप्पना अग्रहारा थाने में अलग शिकायत दर्ज करने और शामिल सभी व्यक्तियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।